1 जनवरी से Landline से मोबाइल पर कॉल लगाने से पहले डॉयल करना होगा ‘0’

Gaurav Sharma
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। अब तक लैंडलाइन (Landline ) से मोबाइल फोन (Mobile Phone) पर कॉल (Call) करने के लिए नंबर डायल (before dialing number) करने से पहले जीरो (0) लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ती थी, लेकिन अब Telecom Department ने इसमें बदलाव करते हुए कहा है कि अब लैंडलाइन से मोबाइल फोन पर कॉल करने से पहले शून्य लगाना होगा। दूरसंचार विभाग ने इस नए नियम को 1 जनवरी से लागू करने का ऐलान किया है।

नंबर डायल करने से पहले लगाना होगा शून्य

टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने जानकारी देते हुए कहा कि लैंडलाइन फोन से कॉल करने पर शून्य लगाने का नियम Telecom Regulatory Authority of India (TRAI) की सिफारिश (Recommendation) पर लाया गया है। इस संबंध में टेलीकॉम कंपनियों को अपनी जरूरी व्यवस्था जनवरी से पहले तक पूर्ण कर लेने का आदेश दिया है। टेलीकॉम कंपनी ने इस नियम को लाने से पहले एक सर्कुलर जारी करते हुए बताया कि फिक्स्ड लाइन स्विच में बदलाव करने की तैयारी की गई है। जिससे फोन में नंबर लगाते हुए लोगों को ये जानकारी रहे की उसे नंबर के साथ अब ‘जीरो’ भी लगाना है।

ऐसे करेगा काम

अगर कोई व्यक्ति लैंडलाइन (Landline )से मोबाइल फोन पर कॉल करने की कोशिश करता है और वह ‘शून्य’ नहीं लगाता है, तो उसे नोटिफिकेशन दिया जाएगा। जिससे कि उन्हें याद आ जाए कि नंबर से पहले शून्य डायल करना है। बता दें कि टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने इस नियम को लागू करने के लिए सिफारिश की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि इस नियम के लाने का उद्देश्य मोबाइल सेवा के लिए अतिरिक्त नंबरिंग रिसोर्स लाना है, जिसमें करीब 254.4 करोड़ अतिरिक्त नंबरिंग रिसोर्स मिलेंगे। जो आने वाले समय के लिए काफी लाभदायक भी होगा।

जीरो डायलिंग फैसिलिटी

ट्राई ने बताया कि इस नियम के लागू होने से किसी भी प्रकार से लैंडलाइन से लैंडलाइन (Landline  to Landline ) और लैंडलाइन से मोबाइल पर कॉल मिलाने की जो प्रक्रिया है उसमें कोई चेंजेस नहीं किया गया है। इसके साथ ही कहा कि मोबाइल नंबर डायल करने से पहले जीरो लगाने के लिए सभी को Zero dialing facility दी जाएगी, जिससे उपभोक्ताओं को किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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