पुलिस कॉलोनी में फिर पहुंचा कोरोना,तीसरी रिपोर्ट में एक साथ आये 19 पॉजिटिव मामले

Gaurav Sharma
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नीमच,श्याम जाटव। रविवार का दिन जहां पहली दो रिपोर्ट मेें राहत भरी खबर लेकर आया था। वहीं तीसरी रिपोर्ट ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है। पहले आई दो लेब रिपोर्ट मेें जहां तीन कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आये थे। वहीं तीसरी रिपोर्ट में एक बार फिर 19 कोरोना पॉजिटिव एक साथ सामने आये है। जिससे आज का आंकड़ा बढक़र अब 22 पर पहुंच गया। इस रिपोर्ट में एक बार फिर पुलिस लाइन मेें 2 कोरोना पॉजिटिव सामने आने के बाद पुलिस विभाग की चिंता फिर से बढ़ गई है।

रविवार को आई तीसरी रिपोर्ट में 1 पटेल प्लाजा के पास, 1 धनेरिया कलां, 1 जवाहर नगर, 1 बघाना, 1 चिल्ड्रन वेल एकेडमी, 2 पुलिस कॉलोनी, 1 स्किम नं. 36, 1 हुडको कॉलोनी, 4 जैन गली चीताखेड़ा, 1 स्किम नं. 36 बी, 1 गुरू तलाई मोरवन, 1 मोरवन, 1 माण्डा, 1 पोखरदा, 1 मालपाड़ा जिला झाबुआ की शामिल है।

बता दें कि मध्यप्रदेश में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है, बीते 24 घंटों में 1,694 मरीज बढ़े हैं। वहीं अब तक 1,572 मरीजों की मौत हो चुकी है। प्रदेश में अब कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 7,35,747 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के मुताबिक पिछले 24 घंटो में 24,166 सैंपलों की जांच की गई, जिसमें से 22,472 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है और 1,694 लोग संक्रमित पाए गए है। वहीं 134 लोगों की रिपोर्ट को रिजेक्ट कर दिया गया है। 1,238 लोग स्वास्थ्य हो कर वापस घर पहुंचे है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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