भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी तालाब की पाल, पहली ही बारिश में बह गई, पढ़ें पूरी खबर

Atul Saxena
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नीमच, कमलेश सारडा। लाखों रुपये खर्च कर बनाई गई तालाब की पाल पहली ही बारिश नहीं झेल पाई और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। तालाब की पाल बहने से पूरा पानी आसपास के खेतों में भर गया जिससे किसानों की फसल बर्बाद हो गई। जिम्मेदार अधिकारी मामला दिखवाकर उचित कार्यवाही की बात कहकर पल झाड़ रहे हैं।

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी तालाब की पाल, पहली ही बारिश में बह गई, पढ़ें पूरी खबर

जिले के मनासा तहसील की ग्राम पंचायत देवरीखवासा के खेती वाला तालाब की पाल 2019 में टूट जाने के कारण फिर से तालाब की पाल व पिटिंग निर्माण के लिए 10.35 लाख की राशि का अनुमानित खर्च बताकर इस साल काम किया गया, जिसमें  तालाब की पाल का निर्माण मिट्टी डालकर मनमर्जी से किया गया जिसके कारण बारिश होने की वजह से मिट्टी की बधान में कटाव होने के कारण तालाब की पाल धराशाही हो गई। पाल टूटने से तालाब का पूरा पानी किसानों के खेतों से होता हुआ बह गया जिससे खेतों में खड़ी कई एकड़ फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई।

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तालाब की पाल के पहली ही बारिश में बह जाने को लेकर गांव के ही ज्ञान चंद पाटीदार ने जानकारी देते हुए बताया कि इस तालाब की पाल 16 सितंबर 2019 को टूट गई थी जिसके 1 साल बाद फिर से ग्राम पंचायत ने 10.35 लाख की राशि से इस पाल का निर्माण किया गया कुल मिलाकर इन 3 सालो में इस तालाब की पाल दो बार टूट जाने से सरकार को लाखों रुपए का नुकसान तो हुआ ही है मेरी भी 10 बीघा में खड़ी फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई, इस तालाब को बनाते समय अधिकारियोंने थोड़ा भी ध्यान दिया होता तो आज ये दिन नही देखना पड़ते, इस तालाब की पाल बनाते समय तालाब भर जाने के बाद अतिरिक्त पानी निकासी के लिए वेस्ट वेयर नहीं दी गई जिसके कारण ये पाल टूट गई।

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गांव के ही कमलेश पाटीदार ने उपयंत्री ओमप्रकाश कछावा पर तालाब की पाल बनाने को लेकर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कोई भी तालाब बनाया जाता है तो उसके ढलान के हिसाब से अतिरिक्त पानी निकलने की व्यवस्था की जाती है लेकिन उपयंत्री ने इस बात की परवाह किए बगैर घटिया निर्माण करवाने के कारण तालाब की पाल एक बारिश में ही टूट गई जिससे मेरे खेत की फसल बर्बाद हो गई।

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इस मामले में गांव के विनोद कुमार पाटीदार ने बताया कि ग्राम देवरीखवासा में जो भी विकास कार्य किए जाते है वो एक ही देव श्री कंसट्रक्शन के द्वारा किए जा रहे हैं जिनमें धांधली हो रही है। इस ठेकेदार द्वारा कम गुणवत्ता वाली सामग्री उपयोग की जाती है, जो कार्य हजारों  के होते है उन्हें ये ठेकेदार अधिकारियों से साथ गाठ कर लाखों के ठेके करवा कर करते हैं। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि निर्माण कार्यों का सत्यापन स्थानीय अधिकारियों की जगह बाहर के अधिकारियों से कराया जाये जिससे सही क्वालिटी का पता चल सके।

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इस मामले में जब हमने उपयंत्री ओमप्रकाश कछावा से संपर्क करना चाहा तो उनका फोन नहीं लगने के कारण उनसे संपर्क नही हो पाया। जनपद पंचायत मनासा के सीईओ डीएस मेश्राम ने इस मामले में कहा कि देवरीखवासा में जो तालाब की पाल टूटी है उसकी तकनीकी रिपोर्ट मंगवा कर उसको दिखवा लेते है,रिपोर्ट अनुसार उचित कारवाई की जाएगी। वहीं जिला पंचायत सीईओ गुरु प्रसाद ने कहा कि आपके द्वारा जो जानकारी दी गई है उस पर जांच करवाकर उचित कारवाई की जाएगी।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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