नेताओं के लेटलतीफ रवैये से नाराज पत्रकारों ने किया प्रेस वार्ता का बहिष्कार

Gaurav Sharma
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नीमच, श्याम जाटव। जिले के पत्रकारों ने कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा और सांसद सुधीर गुप्ता के प्रेस कॉन्फ्रेंस में समय पर नहीं पहुंचने को लेकर प्रेसवार्ता का बहिष्कार कर दिया। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान पर आयोजित प्रेस वार्ता व जिला भाजपा के एक कार्यक्रम का समय 2:30 बजे का दिया गया था। नियत स्थल पर भाजपा कार्यकर्ता और पत्रकार गण आयोजन स्थल पर पहुंच गए थे। पूर्व नियोजित इस कार्यक्रम के बावजूद सांसद सुधीर गुप्ता शहर के विभिन्न क्षेत्रों में अपने चहेतों के यहां स्वागत कार्यक्रम करवाते रहे और प्रेस वार्ता में 1 घंटे बाद भी नही पहुंचे। लंबे इंतजार के बाद पत्रकारों ने सांसद और मंत्री की प्रेस कांफ्रेन्स का बहिष्कार कर दिया।

उल्लेखनीय है कि जिला भाजपा द्वारा भी सांसद गुप्ता को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सहकोषाध्यक्ष बनाये जाने पर स्वागत प्रयोजन से स्थानीय टाऊन हॉल में भी सांसद गुप्ता का स्वागत समारोह रखा गया था। उस कार्यक्रम के लिए भी भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ता इंतजार करते रहे है। इस बीच सांसद सुधीर गुप्ता और मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा सहकोषाध्यक्ष बनाये जाने हेतु अपने चहेते समर्थकों द्वारा आयोजित स्वागत कार्यक्रमों में भाग लेते रहे और पत्रकारों को भी इंतजार कराते रहे। इसी बात पर खिन्नता प्रकट करते हुए मौके पर मौजूद पत्रकारों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस का बहिष्कार कर दिया।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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