Neemuch News : डोडाचूरा तस्कर को 10 वर्ष का सश्रम कारावास, एक लाख का जुर्माना

Neemuch Dodachura Smuggler : न्यायालय ने डोडाचूरा तस्कर को 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही एक लाख रुपये के जुर्माने से दंडित भी किया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश सतीश चंद्र मालवीय ने सुनाया है।

यह है मामला

एडीपीओ रमेश नावडे़ द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना लगभग 14 वर्ष पूर्व दिनांक 26 जुलाई 2008 शाम के लगभग 8 बजे की होकर थाना मनासा क्षैत्र के अंतर्गत आने वाले दरकपुरा तिराहा की हैं। थाना मनासा में पदस्थ ए.एस.आई. चेनसिंह सोनगरा को मुखबिर द्वारा सूचना प्राप्त हुई की तीन व्यक्ति सफेद रंग की बिना नंबर की कार्गोकिंग ट्रेक्स वाहन में अवैध मादक पदार्थ डोडाचूरा को बर्डिया के कच्चे होते हुए राजस्थान के किसी तस्कर को देने जाने वाले हैं। सूचना के आधार पर फोर्स सहित बताये गये स्थान पर पहुचकर यात्री प्रतीक्षालय की आड़ में ट्रेक्स वाहन का इंतजार किया तो थोडी देर बाद ट्रेक्स वाहन आता हुआ दिखाई दिया, जिसमें चालक सहित तीन व्यक्ति बैठे हुए थें। ट्रेक्स वाहन को रोककर उसकी तलाशी लिये जाने पर उसमें 04 बोरियों में कुल 105 किलोग्राम अवैध मादक पदार्थ डोडाचूरा था। घटनास्थल से आरोपीगण को गिरफ्तार कर व ट्रेक्स तथा डोडाचूरा को जप्तकर उनके विरूद्ध पुलिस थाना मनासा में अपराध एनडीपीएस एक्ट में प्रकरण दर्ज कर विवेचना में लिया गया। इसके पश्चात् विवेचना उपरांत अभियोग पत्र विशेष न्यायालय, मनासा में प्रस्तुत किया गया। विचारण के दौरान 02 आरोपीगण रामेश्वर शर्मा व वकीलसिंह को पूर्व में पारित निर्णय में दोषसिद्ध पाकर दण्डित किया गया हैं एवं आरोपी गोपालदास के विचारण के दौरान फरार हो जाने से उसके गिरफ्तार होने के उपरांत उसके विरूद्ध निर्णय पारित किया गया हैं।


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Amit Sengar

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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”