MP में चीतों की एंट्री में आया नया मोड़, दक्षिण अफ्रीका ने रखी ये शर्त

Diksha Bhanupriy
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। भारत में 70 साल बाद ऐसा मौका आ रहा है जब यहां चीतों को फिर से बसाने की कवायद शुरू की गई है। लेकिन इस कोशिश में अब एक और पेंच फंस गया है। दक्षिण अफ्रीका ने चीतों को भारत भेजने से पहले एक शर्त रख दी है। उन्होंने कूनो नेशनल पार्क से तेंदुओं को हटाने की मांग की है और इसकी जांच करने के लिए एक दल भी भेजा जाएगा। इसके बाद ही चीतों की शिफ्टिंग की जाएगी।

बता दें कि कूनो नेशनल पार्क में चीतों के लिए बनाए गए बाड़े में तेंदुए घुस आए हैं। पिछले 25 दिनों से वन विभाग इन्हें बाहर निकालने की कोशिश में लगा हुआ है, लेकिन अब तक तेंदुए हाथ नहीं आए हैं। बारिश की वजह से बाड़े की घास भी बड़ी बड़ी हो गई है जिसकी वजह से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। तेंदुओं को ट्रेंकुलाइज करने के लिए सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से 2 हाथियों के दल को भी बुलवाया गया है। 18 अगस्त से दोबारा ऑपरेशन शुरू किया गया है।

भारत में चीता भेजने के लिए नामीबिया ने तो Mou दे दिया है। लेकिन दक्षिण अफ्रीका ने यह साफ कह दिया है कि जब तक वहां से तेंदुओं को नहीं हटाया जाएगा, वह चीते नहीं भेजेगा। खबर यह भी मिल रही थी कि इन चीतों में से तीन चीते कैप्टिव ब्रीड के हैं जो कूनो के जंगलों में शिकार नहीं कर सकते, क्योंकि इनमें शिकार करने की क्षमता नहीं है। हालांकि, यह बात कितनी सच है इसका दावा नहीं किया जा सकता। अफ्रीकी सरकार ने यह फैसला भी किया है कि एक प्रतिनिधिमंडल भारत भेजकर इस बात की जांच की जाएगी कि कूनो इन चीतों को भेजने के लिए उपयुक्त जगह है या नहीं।

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चीते भारत कब आएंगे यह अभी नहीं बताया गया है। लेकिन यह जानकारी सामने आई है कि वन मंत्री विजय शाह और वन बल प्रमुख रमेश कुमार गुप्ता और APCCF वन्य प्राणी शुभ रंजन सेन 22 अगस्त से 28 अगस्त तक तंजानिया और दक्षिण अफ्रीका के जंगलों का दौरा करेंगे। तंजानिया में यह दल सेरेजेंटा पार्क और दक्षिण अफ्रीका में कूरगढ़ पार्क का दौरा कर वहां के वन्यजीव प्रबंधन को समझेगा।

24 अगस्त को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी वन विभाग की समीक्षा करने वाले हैं। इस दौरान वन मंत्री डॉ शाह और विभाग प्रमुख आर के गुप्ता उपस्थित नहीं रहेंगे। समीक्षा के दौरान वन विकास निगम के एमडी एके पाटिल, विकास शाखा के मुखिया चितरंजन त्यागी और पीसीसीएफ कैंपा सुनील अग्रवाल मौजूद रहेंगे।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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