Bhopal News : NHM संविदा आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने उपमुख्यमंत्री और लोक स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के मंत्री को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में वित्तीय वर्ष 2019 से 2024 तक आउटसोर्स कर्मचारियों के मानदेय में की गई गड़बड़ी को लेकर सीबीआई जांच की मांग की गई है।
ईमानदारी से दी सेवाएं
बता दें कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत संविदा सपोर्ट स्टाफ के कर्मचारियों ने वर्षों से ईमानदारी से सेवाएं दी हैं। इसके बावजूद, शासन प्रशासन की दोहरी नीति के कारण 2019 से एनएचएम से हटाकर इन्हें आउटसोर्स कर दिया गया। विभाग द्वारा अर्ध कुशल श्रमिक दर पर 12,796 रुपये बजट दिए जाने के बावजूद आउटसोर्स कर्मचारियों को केवल 5,500 रुपये से 9,000 रुपये तक ही दिए जा रहे हैं। दरअसल, विभाग के अधिकारियों और आउटसोर्स कंपनियों की कमीशन खोरी के कारण मानदेय में करोड़ों रुपये का घपला किया गया है।
ज्ञापन में की गई ये मांग
इसको लेकर एनएचएम संविदा आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि 2019-2020 से 2023-2024 तक सभी जिलों में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक द्वारा आउटसोर्स कंपनियों से की गई अनुबंध शर्तों की जांच की जाए। इसमें अर्ध कुशल श्रमिक दर या कुशल श्रमिक दर पर आउटसोर्स कर्मचारियों को कितना वेतन दिया जा रहा है और आउटसोर्स एजेंसी को विभाग द्वारा कितना मानदेय भुगतान किया जा रहा है। इसकी विस्तृत जांच की जाए। साथ ही पिछले 5 वर्षों में सपोर्ट स्टाफ आउटसोर्स कर्मचारियों को कितना कम वेतन दिया गया, इसकी भी जांच कराई जाए।
CBI जांच की मांग
वहीं, सीबीआई जांच के बाद दोषियों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह के प्रकरणों की पुनरावृत्ति न हो सके। इसके अलावा, सपोर्ट स्टाफ और आउटसोर्स कर्मचारियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उन्हें विभाग में रिक्त पदों पर नियमित किया जाए या पुनः राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में मर्ज किया जाए। इस ज्ञापन के माध्यम से कर्मचारियों ने अपने हक की लड़ाई लड़ने का संकल्प लिया है और सरकार से न्याय की उम्मीद जताई है। आशा है कि जल्द ही इस मामले की निष्पक्ष जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी, जिससे कर्मचारियों का मनोबल बना रहे और वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन बेहतर तरीके से कर सकें।