जबलपुर, संदीप कुमार। कोरोना संक्रमण को देखते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने किसी भी कार्यक्रम में 100 से ज्यादा लोगों को शामिल होने की अनुमति नहीं दी है, पर जब किसी माननीय की बैठक होती है तो वहाँ पर तमाम नियम और कानून धरे के धरे रह जाते हैं। जबलपुर में भी यही नजारा देखने को मिला जहाँ प्रभारी मंत्री गोपाल भार्गव की बैठक में करीब 80 से 100 लोग शामिल हुए।
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दरअसल जबलपुर जिले के प्रभारी मंत्री बनने के बाद पहली बार प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव जबलपुर पहुँचे थे जहां कलक्ट्रेट सभाकक्ष में उन्होने जिले भर के तमाम विभाग प्रमुख अधिकारियों की बैठक ली। इस दौरान बैठक में कोरोना गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ी। बैठक में न ही सोशल डिस्टेंस देखी जा रही थी और न ही अधिकारी-नेता मास्क लगाए हुए थे।
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कोरोना क्राइसिस की बैठक लेने जबलपुर पहुँचे प्रभारी मंत्री गोपाल भार्गव ने ही मास्क लगाने से परहेज किया, वहीं बैठक में करीब 80 से 100 अधिकारी शामिल हुए। बैठक में न कही सोशल डिस्टेंस दिख रहा था और न ही कोरोना गाइडलाइन का पालन, कुछ अधिकारियों के चेहरे से मास्क गायब था तो कुछ नेताओं ने दिखावे के लिए मुँह के नीचे मास्क लगा रखा था। इस दौरान बैठक में विभाग प्रमुख अधिकारियों के साथ-साथ पूर्व मंत्री अजय विश्नोई, पूर्व मंत्री तरुण भनोत, पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया, विधायक विनय सक्सेना, समेत कलेक्टर एवं एसपी व अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।