अब नर्सेस ने दी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी, नर्सेस डे पर देंगी धरना

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। सरकार ने डॉक्टरों को तो हड़ताल पर जाने से रोक लिया लेकिन अब नर्सेस (Nurses) ने अनिश्चितकालीन हड़ताल (Indefinite Strike) जाने की चेतावनी दी है। नर्सेस एसोसिएशन का कहना है कि कोरोना महामारी में सरकार और प्रशासन लगातार वार्ड बढ़ा रहा है लेकिन नर्सेस (Nurses) की संख्या नहीं बधाई जा रही। दिन रात काम करते नर्सेस (Nurses) थक चुकी हैं, नर्सेस (Nurses)  ने कहा कि वे 12 मई नर्सेस डे (Nurses Day) पर सांकेतिक धरना देंगी और यदि फिर भी मांग पूरी नहीं हुई तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल (Indefinite Strike) पर चली जाएँगी।

ग्वालियर चंबल अंचल के सबसे बड़े अस्पताल जयारोग्य अस्पताल समूहों में नर्सेस (Nurses) की कमी के चलते नई भर्ती की मांग लम्बे समय से की जा रही है। नर्सेस एसोसिएशन मध्यप्रदेश जीआर मेडिकल कॉलेज के डीन को कई बार अपना ज्ञापन, मांग पत्र, समरण पत्र सौंप चुकी है लेकिन फिर भी नई नर्सेस (Nurses) की भर्ती नहीं की जा रही है। नर्सेस एसोसिएशन ने एक बार फिर डीन को ज्ञापन दिया है और चेतावनी दी है कि यदि मांग नहीं मानी गई तो मजबूरन नर्सेस (Nurses) को अनिश्चितकालीन हड़ताल (Indefinite Strike)  पर जाना पड़ेगा।

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नर्सेस एसोसिएशन मध्यप्रदेश की अध्यक्ष रेखा परमार ने बताया कि जयारोग्य अस्पताल समूह के अस्पतालों में नर्सेस (Nurses) की बहुत कमी है, पिछले कई वर्षों से भर्ती की मांग की जा रही है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।  कोरोना काल में पिछले करीब डेढ़ साल से मात्र 220 नर्सेस (Nurses) अपना काम कर रहीं हैं।  दिन रात ड्यूटी कर ये अब थक चुकी हैं करीब 25-30 नर्सेस (Nurses) कोरोना पॉजिटिव हो चुकी हैं उनके परिजन पॉजिटिव हो चुके हैं।  पूरा जयारोग्य अस्पताल कोरोना मरीजों से भरा है जिनकी सेवा नर्सेस (Nurses) कर रही हैं।

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रेखा परमार ने कहा कि उन्होंने 2 मई को भी ज्ञापन दिया था तब भी आश्वासन मिला था लेकिन कुछ नहीं हुआ।  अब वे 12 मई को नर्सेस डे (Nurses Day) पर सांकेतिक धरना देंगी जिससे सरकारी काम बाधित ना हो और मरीजों को परेशानी ना हो और यदि फिर भी जी आर मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल (Indefinite Strike) पर जाने के लिए बाध्य होंगी।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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