भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। प्रदेश में आगामी पंचायत चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया अब खत्म हो चुकी है। निर्वाचन आयोग ने सोमवार दोपहर 3 बजे तक ही नामांकन भरने का समय निर्धारित किया था। 30 मई से शुरू हुई इस प्रक्रिया में सरपंच के लिए 81,951 उम्मीदवारों ने नामांकन किया है, जबकि कुल पद 22, 921 है, जिला पंचायत सदस्य के 875 पद के लिए 5,983 तो वहीं जनपद सदस्य के 6,771 पद के लिए 17, 310 आवेदन आए है।
इस दौरान सबसे चौंकाने वाला आंकड़ा पंच पद के लिए रहा, जहां 3, 63, 726 पदों के लिए सिर्फ 95, 695 आवेदन आए, जिसका मतलब इस बार 2,68, 031 पद खली रहने वाले है।
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बता दे, प्रदेश में 52 हजार गांव हैं जिनमें प्रत्येक गांव की इकाई का पंच प्रमुख होता है जिसे 60 लोग चुनते हैं। इस बार पंच का चुनाव लड़ने में कम दिलचस्पी दिखने का एक कारण जटिल चुनाव प्रक्रिया भी बताया जा रहा है, जिसमें प्रमुख रूप से शपथ पत्र बनवाने में दो हजार रुपए का खर्चा आ रहा है।
नोड्यूज लेना जरुरी
पंच के लिए आवेदन करने से पहले पांच विभागों से नोड्यूज लेने का प्रावधान है, जिसमें बिजली का बकाया बिल, पानी बिल, घर का टैक्स, आदि शामिल है। बिजली का बिल न केवल खुद का जमा करना होता है, बल्कि भाई और रिश्तेदारों का भी इसमें शामिल है। अतिक्रमण का मामला दर्ज होने के कारण भी कई लोग फार्म नहीं भर पाए है।
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दूसरा बड़ा कारण जो सामने निकलकर आया है वह है उपयुक्त राशि का समय से भुगतान न होना। पंचो को हर महीने 1700 रुपए प्रति माह वेतन दिया जाता है रहा है, जो अब नहीं मिल पा रहा है। इसी तरह जिला पंचायत सदस्य को 4500 रुपए और जनपद सदस्य को 2500 रुपए दिए जाने का प्रावधान है, यह भुगतान भी लंबे समय से नहीं हुआ है। इसके अलावा ग्राम सभा की बैठकों में पंचो को 100 रुपये मिलने का प्रावधान है लेकिन पिछले 20 साल यानी 2003 के बाद ग्राम सभा की बैठकों का आयोजन नहीं हुआ है।