सीएम शिवराज ने कहा कि 30 जनवरी से पहले एक बार फिर से स्कूल खोलने पर समीक्षा की जाएगी। अगर Corona के कुछ काम हो तो ही स्कूलों को खोलने पर विचार किया जाएगा और पढ़ाई चालू हो। इसकी व्यवस्था की जाएगी बच्चों के स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर हम फैसला लेंगे। इसके साथ ही सीएम शिवराज ने कहा कि पिपलिया कला गांव में हाई स्कूल के साथ हायर सेकेंडरी की बिल्डिंग भी निश्चित तौर पर बनवा दी जाएगी। सामुदायिक भवन की भी मांगा है। इसे भी बनवाया जाएगा इसके लिए स्थान तय करने के निर्देश दे दिए गए हैं।
सीएम शिवराज ने कहा कि आवास प्लस का सर्वे किया गया है। आवास प्लस के तहत जो गरीब हैं। उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना 2011 का लाभ दिया जाएगा। वहीं इसका लाभ अब तक 98000 लोगों को दिया जा चुका है। एक लाख लोग बचे हुए हैं। उन्हें भी आवास योजना के तहत आवास देने का काम पूरा किया जा रहा है। इतनी सीएम शिवराज ने कहा कि जिन छोटे घरों में 1 से अधिक परिवार है। उनके लिए मुख्यमंत्री बुआ वर्षीय अधिकारी योजना भी शुरू की गई है। जिसके पास रहने की जमीन नहीं है। ऐसे परिवारों को रहने के लिए जमीन का पट्टा देकर जमीन का मालिक बनाया जा रहा है।
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इसके साथ ही सीएम शिवराज ने कहा कि 3.50 लाख गरीब बहनों-भाइयों के खातों में आज मकान बनाने के लिए 875 करोड़ रुपए डाले हैं। सभी विभागीय अधिकारियों और पंचायत स्तर पर सरपंच, सचिव और रोजगार सहायकों से मेरी अपील है कि निश्चित समय सीमा में ये मकान बन जाएं, इसमें देर नहीं होनी चाहिए। आगे बोलते हुए सीएम शिवराज ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को रेत, ईंट, सीमेंट आदि मिलने में दिक्कत न हो। वैसे सरकार सबकी है, लेकिन सबसे पहले उनकी है, जो सबसे गरीब, सबसे नीचे, सबसे पीछे हैं। मकान बन जाने तक हर कदम पर अपने बहनों-भाइयों के साथ खड़ा रहना है, ताकि निश्चित समय पर मकान बन जाए।
सीएम शिवराज ने बताया कि सभी का सपना होता है कि अपने जीवन में एक अच्छा मकान बना दें, जहां बाल-बच्चे आराम से रह सकें। जिनके मकान अभी तक स्वीकृत नहीं हुए हैं, वह भाई-बहन चिंता न करें। जल्दी ही तुम्हारे मकान बनाने का सपना भी पूरा करेंगे। मध्यप्रदेश की धरती पर कोई बिना छत के नहीं रहेगा। सीएम शिवराज ने बताया कि अपने गांव के विकास के लिए ग्रामवासियों को स्वयं आगे आना होगा। इसलिए हम सभी अपने गांव, कस्बे, शहर का साल में एक दिन वैसे ही जन्मदिन मनाएं, जैसे हम अपना जन्मदिन मनाते हैं। इस दिन उस गांव या शहर के सभी लोग इकट्ठे हों और गांव के विकास की आगामी रूपरेखा तैयार करें।