राजगढ़, डेस्क रिपोर्ट| मध्यप्रदेश (Madhyapradesh) में इस समय सरकार पूरे प्रदेश में माफियाओं पर कार्रवाई कर रही है चाहे भू माफियाओं, शराब माफिया हो या रेत माफिया लेकिन वन माफियाओं (Forest Mafiya) के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। राजगढ़ (Rajgarh) जिले में वन माफियाओं द्वारा गुना एवं विदिशा जिले से सागौन की लकड़ी लाकर बड़े पैमाने पर तस्करी की जा रही है| यहां खुलेआम 20 से अधिक मोटरसाइकिल पर रखकर सागौन की लकड़ी लाई जाती है और फर्नीचर बनाने वालों तक पहुंचाई जाती है| लेकिन इसके बाद भी वन, राजस्व और पुलिस विभाग इन माफियाओं पर कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है।
तस्वीरें राजगढ़ जिले के सुठालिया क्षैत्र की है, यहां पर एक साथ कई मोटरसाइकिल निकल रही है जिन पर सागौन की लकड़ियां रखी हुई है, यहां के तस्करों ने सागौन तस्करी का यह अनोखा रास्ता ढूंढा है जिसमें एक साथ कई मोटरसाइकिल पर सागौन को रखकर लाया जाता है और फर्नीचर बनाने वालों तक इन्हें आसानी से पहुंचा दिया जाता है। यह नजारा यहां रोज देखा जा सकता है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इन वन तस्करों पर कोई कार्यवाही नहीं करता।
जिले का सुठालिया अंतिम सीमा पर है और यहां से गुना एवं विदिशा जिले की सीमा लगी हुई है। सागौन की लकड़ी पास में ही लगे गुना एवं विदिशा जिले के जंगलों से लाई जाती है। गुना जिले के मधुसूदनगढ़ में और उसी से लगे विदिशा जिले के जंगल में बड़े पैमाने पर सागौन के पेड़ लगे हुए हैं। वन तस्करों द्वारा इन दोनों जिलों में बड़े पैमाने पर प्रतिदिन सागौन के पेड़ों की कटाई की जा रही है। सागौन के पेड़ों को अवैध रूप से काटने के बाद फर्नीचर बनाने वाले और आरा मशीनों तक पहुंचाने का काम वन तस्कर करते हैं। सुठालिया क्षेत्र में बड़े पैमाने पर आरा मशीन एवं फर्नीचर निर्माता है जो अवैध रूप से सागौन की लकड़ी लेकर दरवाजे एवं फर्नीचर बनाने का काम करते हैं। प्रतिदिन खुलेआम मोटरसाइकिल पर साबुन की तस्करी हो रही है लेकिन कोई भी विभाग इन पर कार्रवाई नहीं कर पा रहा। वन विभाग के अधिकारी हर 15 दिन में आकर अवैध लकड़ी का कारोबार करने वालों से वसूली करने आते हैं। गुना जिले एवंविदिशा जिले से बड़े पैमाने पर सागौन की लकड़ी की तस्करी की जा रही है। धीरे धीरे इन दोनों जिलों में वन क्षेत्र को समाप्त किया जा रहा है।