Rajgarh News: चोरों से नहीं बचा भगवान का भी दर, साउंड सिस्टम समेत कई उपकरणों की हुई चोरी, मामला दर्ज

मंदिर समिति के लोगों ने कोतवाली थाने में पहुंचकर चोरी का मुकदमा दर्ज कराया। इस दौरान उनके तरफ से पुलिस को बताया गया कि जब वे लोग मंदिर परिसर पहुंचे तो लोहे की पेटी पर लगा ताला टूटा हुआ था।

Shashank Baranwal
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mandir chor

Rajgarh News: मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले से एक चोरी का मामला सामने आया है, जहां चोरों ने भगवान के पूजा स्थल को भी नहीं छोड़ा। चोरों ने नेवज नदी के पास स्थित एक मंदिर से पूरा साउंड सिस्टम ही चोरी कर फरार हो गए। आपको बता दें इसी साउंड सिस्टम से मंदिर में पूजा, आरती आदि सारी धार्मिक कार्य संपन्न कराए जाते थे।

साउंड सिस्टम समेत अन्य उपकरणों की चोरी

जानकारी के अनुसार, चोरों ने राजगढ़ जिला मुख्यालय के नेवज नदी के पार स्थित एसी वाले हनुमान मंदिर में चोरी की घटना को अंजाम दिया। यह घटना शनिवार-रविवार की दरमियानी रात का बताया जा रहा है, जब चोरों ने मंदिर में धावा बोला। इस दौरान चोरों ने माइक, साउंड सिस्टम समेत अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरण को चुरा ले गए। वहीं, जब इसकी जानकारी मंदिर समिति के लोगों को हुई तो उन्होंने कोतवाली थाने में चोरी की शिकायत दर्ज कराई।

तकरीबन 2 लाख रूपए की हुई चोरी

मंदिर समिति के लोगों ने कोतवाली थाने में पहुंचकर चोरी का मुकदमा दर्ज कराया। इस दौरान उनके तरफ से पुलिस को बताया गया कि जब वे लोग मंदिर परिसर पहुंचे तो लोहे की पेटी पर लगा ताला टूटा हुआ था, जिसमें से साउंड सिस्टम, डीवीआर, 6 माइक समेत अन्य उपकरण नदारद मिले। मंदिर समिति के लोगों के मुताबिक करीब 2 लाख रूपए के सामान चोरी हुए हैं। वहीं, पुलिस ने शिकायत के आधार अज्ञात चोरों के खिलाफ IPC की धारा 380 के तहत मामला दर्ज कर चोरों की तलाश में जुट गई है।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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