रतलाम, सुशील खरे। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के अनलॉक (MP Unlock) होते ही आगामी चुनावों को देखते हुए बीजेपी (BJP) ने तैयारियां शुरु कर दी है। एक तरफ जहां प्रभार जिले मिलने के बाद मंत्री बैठकों पर बैठकें ले रहे है वही दूसरी तरफ बीजेपी से राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने भी जिलों के दौरे करना शुरु कर दिया है। ग्वालियर-चंबल के बाद एक बार फिर सिंधिया मालवा दौरे पर पहुंचे है।
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आज रतलाम पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि सुख दुख बांटना सिंधिया का उद्देश्य है। मैं ये सब चुनावी राजनीति के लिए नहीं कर रहा। यह किसी भी प्रकार का राजनीतिक दौरा नहीं । जिन परिवार ने अपनों को कोरोना मैं खोया है, हम उनके यहां शोक संवेदना प्रकट करने गए थे, चुनाव जैसी कोई बात नहीं है ना चुनाव जैसी तैयारी है। इस दौरान उनके साथ कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, जिला प्रभारी मंत्री ओपीएस भदौरिया, सांची दुग्ध संघ के अध्यक्ष केके सिंह कालूखेड़ा सहित मंदसौर, नीमच और धार के कई विधायक और नेता साथ रहे ।
दरअसल, राज्य सभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज रतलाम जिले के दौरे पर पहुंचे यहां जावरा शहर में सबसे पहले भाजपा विधायक डॉ राजेन्द्र पांडेय के निवास पर सौजन्य मुलाकात की । यहां उन्होंने अपनी स्व दादी राजमाता विजया राजे सिंधिया एवं स्व पिता माधव राव सिंधिया के साथ वो चित्र देखें, जिसमे उनके जावरा आगमन पर डॉ पांडेय के पिता और 8 बार के लोकसभा सांसद और पूर्व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष स्व डॉ लक्ष्मी नारायण पांडेय के साथ थे।
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इसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया स्थानीय लोगों के यहां बैठने गए, जिनका कोरोना में निधन हो गया था। स्थानीय विधायक चेतन कश्यप, भाजपा नेता निमिष व्यास राजेंद्र सिंह लुनेरा के निवास पर भी गए । जावरा के बाद सिंधिया पिपलोदा एवं रतलाम में भी स्थानीय लोगों के भाजपा कार्यकर्ताओं के यहां बैठने जाएंगे। इसके बाद शहर विधायक, भाजपा जिलाध्यक्ष, एवं ग्रामीण विधायक के घर सरवड़ होते हुए, धार के बदनावर जानेंगे, इसी बीच कृषि उपज मंडी में स्व माधव राव सिंधिया की मूर्ति पर माल्यार्पण करेंगे।
बता दे कि मध्य प्रदेश विधानसभा के 22 महीने बाद में चुनाव होने वाले हैं और मध्य प्रदेश में जिस तरह से सीएम शिवराज सिंह चौहान से कंधे से कंधा मिलाकर ज्योतिरादित्य सिंधिया के ताबड़तोड़ दौरे हो रहे हैं, इसे राजनीति से चुनाव से जोड़ना कोई बड़ी बात नहीं है।