MP News : रीवा के मयंक को बचाने एक सामानांतर टनल बनाई, घटनास्थल पर पहुँचे डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला, रेस्क्यू ऑपरेशन का लिया जायजा 

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भी इसपर नजर बनाये हुए हैं, रीवा प्रशासन से लगातार संपर्क में हैं उन्होंने उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला को मनिका गाँव घटना स्थल पर जाने के निर्देश दिए हैं, कुछ समय बाद राजेन्द्र शुक्ला वहां पहुंच जायेंगे और रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लेंगे, सीएम ने कहा कि मयंक को बचाने का प्रयास युद्ध स्तर पर जारी है । 

Atul Saxena
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Rewa news borewell child fell

MP News : रीवा के मनिका गाँव में खुले बोरवेल में गिरे 6 साल के मयंक के बाहर निकालने और उसे बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है कलेक्टर से लेकर सभी प्रशासनिक अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद हैं, स्वास्थ्य विभाग का अमला सीएमएचओ के नेतृत्व में उपकरणों से लैस होकर एबुलेंस के साथ तैयार है, बोरवेल में ऑक्सीजन की सप्लाई जारी है लेकिन कई अभी तक मयंक का कोई रिस्पोंस नहीं मिल पाया है, रेस्क्यू टीम बोरवेल के सामानांतर एक टनल बना रही है जिससे आसानी से उस पॉइंट तक पहुंचा जा सके जहाँ मयंक के फंसे होने का अंदाजा है, उधर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला को घटना स्थल पर पहुँचने के निर्देश दिए जिसके बाद उन्होंने मनिका गाँव पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया।

गेहूं बीनने खेत में गया 6 साल का मासूम मयंक खुले बोरवेल में गिरा 

दोस्तों के साथ शुक्रवार को गेहूं बीनने खेत में गए मासूम मयंक की क्या पता था कि खेत में खुला पड़ा बोरवेल उसके लिए काल बन जायेगा, इस खुले बोरवेल से अंजान 6 साल का मयंक उसमें गिर गया, उसके गिरते ही खेत में चीख पुकार मच गई, खेत मालिक और अन्य लोग दौड़कर पहुंचे उन्होंने अपने स्तर पर रस्सा डालकर मयंक को बाहर निकालने का प्रयास किया लेकिन असफल रहे, बताया जा रहा है कि बोरवेल करीब 140 फीट गहरा है और मयंक 60 फीट पर फंसा हुआ है।

SDRF, NDRF की टीमें मौके पर पहुंची

बच्चा गिरने की खबर गाँव में आग की तरह फैली मयंक का पिता विजय आदिवासी भी खेत पर पहुँचा, प्रशासन को सूचना दी और फिर बच्चे को बाहर निकालने के प्रयास शुरू हुए,  पहले तहसीलदार ने स्थानीय स्तर पर कोशिश की लेकिन जब बोरवेल की गहराई का अंदाजा लगा तो फिर जिला प्रशासन से मदद मांगी गई आर फिर  SDRF, NDRF की टीमें मौके पर पहुंची।

कलेक्टर सहित अन्य आला अधिकारी घटनास्थल पर 

कलेक्टर सहित सभी प्रशासन के अन्य अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और एक्सपर्ट की देखरेख में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ , बोरवेल के आसपास खुदाई की गई, अन्दर सीसीटीवी कैमरा भेजा गया लेकिन मयंक का कोई रिस्पोंस नहीं आया, फिर ऑक्सीजन सप्लाई शुरू की गई जो अभी तक जारी है, रात भर रेस्क्यू टीम बच्चे को बाहर निकालने का प्रयास करती रही लेकिन सफलता नहीं मिली।

मयंक को बाहर निकालने रेस्क्यू टीम ने बनाई सामानांतर टनल 

आज सुबह कलेक्टर प्रतिभा पाल फिर घटनास्थल मनिका गाँव पहुंची, उन्होंने रेस्क्यू टीम से बात की, तीन में बताया कि बोरवेल बहुत गहरा है जिसके कारण मयंक कहाँ फंसा है इसका अंदाजा नहीं लग पा रहा है, इसलिए टीम बोरेवेल के सामानांतर एक टनल बना रही है जिससे मयंक की मौजूदगी के संभावित पॉइंट तक पहुंचा जा सके ।

CMHO एम्बुलेंस और डॉक्टर्स के साथ मौजूद , पिता परेशान 

घटना स्थल पर मौजूद CMHO डॉ संजीव शुक्ला ने कहा कि  दो एम्बुलेंस यहाँ पूरे उपकरणों के साथ मौजूद हैं., दो चाइल्ड स्पेशलिस्ट यहाँ मौजूद हैं, ऑक्सीजन की पर्याप्त सप्लाई की जा रही है, बच्चा बाहर आते ही हम उसे जिला अस्पताल लेकर जायेंगे, वहां भी निर्देश दे दिए गए हैं उधर मयंक के पिता विजय आदिवासी की चिंता बढती जा रही है उसने कहा कि मुझे प्रशासन कुछ नहीं बता रहा मैं परेशान हूँ समझ नहीं आ रहा कि क्या करूँ ।

मुख्यमंत्री ने डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला को घटना स्थल पर जाने के निर्देश दिए 

घटना का बाद मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भी इसपर नजर बनाये हुए हैं, रीवा प्रशासन से लगातार संपर्क में हैं उन्होंने उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला को मनिका गाँव घटना स्थल पर जाने के निर्देश दिए हैं, कुछ समय बाद राजेन्द्र शुक्ला वहां पहुंच जायेंगे और रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लेंगे, सीएम ने कहा कि मयंक को बचाने का प्रयास युद्ध स्तर पर जारी है ।

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश के बाद उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला मनिका गाँव पहुंचे, उन्होंने X पर लिखा – रीवा जिले के ग्राम मनिका में बालक मयंक के बोरवेल में गिर जाने का समाचार प्राप्त होने पर अभी कुछ देर पूर्व घटनास्थल पर पहुंचकर मामले का संज्ञान लिया। मासूम को सुरक्षित बाहर निकालने हेतु प्रयासरत प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से घटना की विस्तृत सूचना प्राप्त की। इस दौरान रीवा कलेक्टर, त्यौंथर विधायक सिद्धार्थ तिवारी  एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। मयंक सुरक्षित बाहर निकले यही हम सभी की ईश्वर से प्रार्थना है एवं प्रशासन और बचाव कार्य में लगे एनडीआरएफ के जवान इस दिशा में बेहद संवेदनशीलता के साथ कार्यरत हैं।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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