Sagar News : सागर में गंगा “जज”,इस तरह हुआ झगड़े का निपटारा

Gaurav Sharma
Published on -
hindu beliefs

सागर डेस्क रिपोर्ट। सागर में गंगाजल ने एक मामले में जज की भूमिका निभाई। । दो पक्षों के बीच मारपीट का मामला मंदिर में गंगाजल के सामने सच बोल कर और गलती मान कर किया गया। पुलिस ने भी मामले में मध्यस्थता की । सागर के बंडा थाना क्षेत्र के बूढाखेड़ा गांव के रहने वाले पुष्पेंद्र सिंह लोधी का आरोप था कि सरपंच के पति अमोल सिंह ने उसके साथ मारपीट की है। इतना ही नही,पुष्पेन्द्र ने अमोल पर उसका नाम प्रधानमंत्री आवास की लिस्ट से काटने का आरोप भी लगाया। वही अमोल सिंह ने भी पुष्पेंद्र सिंह पर बार-बार झूठी शिकायत करने का आरोप लगाया था।

यह भी पढ़ें …Gold Silver Rate : सोना चमका, नहीं बदले चांदी के भाव

रविवार को दोनों ही अपनी अपनी शिकायत लेकर बंडा के पुलिस स्टेशन पहुंचे। इस पर पुलिस ने दोनों पक्षों पर कार्रवाई करने की बात कही और सलाह दी कि आपसी सहमति से मामले को निपटा लें। पुलिस की बात मानकर दोनों पक्षों ने राम मंदिर में पुजारी की उपस्थिति में गंगाजल सिर पर रखा और अपनी गलती स्वीकार करते हुए राजीनामा कर लिया।
थाना प्रभारी मानस द्विवेदी का कहना है कि दोनों के बीच विवाद की स्थिति बनी थी और पुलिस ने दोनों पर ही प्रतिबंधात्मक कार्यवाही करते हुए दोनों को थाने में बुलाया था। पुलिस की सलाह मानकर दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से मंदिर में गलती स्वीकारी और राजीनामा कर लिया।


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

Other Latest News