Sagar News: DBT बनी लाडली बहनों के जी का जंजाल, बैंक शाखा न होने से हो सकती हैं लाभ से वंचित

Sagar News : एक तरफ जहां भाजपा की लाडली बहना योजना की तैयारियां जोरों शोरों से चल रही है तो वहीं कांग्रेस की नारी सम्मान योजना की भी धूम मची है। दोनों ही पार्टियां अपने आपको बहनों और नारियों का शुभचिंतक बताने पर तुली हुई है। एक तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हर महीने लाडली बहनों को एक हजार रुपये बैंक खातों के माध्यम से देने की घोषणा की है तो वहीं दूसरी तरफ उनसे भी आगे निकलकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी कांग्रेस की सरकार बनने पर उससे डेढ गुना मतलब पंद्रह सौ रुपए प्रति माह देने की घोषणा की है लेकिन उन बहनों या महिलाओं के खाते में फिलहाल KYC और DBT बीच में बाधा बनकर खडी है। दरअसल, अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक शाखाएं नहीं है और अगर कुछ हद तक शाखाएं है भी तो वह राष्ट्रीयकृत बैंकों की न होकर क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की हैं, जहां सुविधाएं नहीं हैं।

क्योस्क सेंटर पर निर्भर ग्रामीण क्षेत्रों के लोग

अब जब ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक शाखाएं नहीं है तो लाडली बहनों को 50 से 100 किलोमीटर दूर अपने कियोस्क खाते की शाखा में DBT कराने जाना पड़ेगा उस पर भी यह जरुरी नहीं कि जिस दिन बैंक शाखा DBT कराने जाएं। उसी दिन उनका काम पूरा हो जाए। ऐंसें में तो आने- जाने में ही हजारों रुपये खर्च हो जाएंगे। कोई महिला मजदूरी करती है। जिसका नुकसान भी उनको उठाना पड़ेगा। किसी के बच्चे छोटे- छोटे हैं तो किसी के घर में कोई लाचार अपाहिज मरीज पड़ा है। किसी के गांव से शहर आने- जाने के साधन नहीं है तो किसी को अन्य प्रकार की समस्याएं हैं।


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है। पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।