समय से पहले और भाग्य से ज्यादा किसी को कुछ नहीं मिलता यही कहावत चरितार्थ होती दिखी

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सागर, विनोद जैन। सागर निवासी जैन परिवार जिनका नाम चंद्रकुमार जैन है। इनका पैतृक घर सागर जिले के सुरखी में था जो कि सब्जी मंडी के रास्ते में पड़ता है। उनको शुरु से ही यह विश्वास था कि उनके घर पूर्वजों की संपत्ति कहीं न कहीं छुपी हुई है, इसीलिए सागर में रहते हुये भी उन्होंने सुरखी में स्थित अपना खंडहर पड़ा मकान किसी को भी किसी भी कीमत पर नहीं बेचा।

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Ram Govind Kabiriya