Sagar News: ओवरब्रिज का काम जनता के लिए बना मुसीबत, यात्रियों और छात्र-छात्राओं को हो रही परेशानी

नगरवासियों ने 5 मई को सागर कलेक्टर के नाम सुरखी थाना प्रभारी को ज्ञापन भी दिया था, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई पहल होती दिखाई नहीं दे रही है।

Shashank Baranwal
Published on -
Sagar

Sagar News: मध्य प्रदेश के सागर जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, सुरखी में फोरलाइन पर बन रहे ओवरब्रिज का काम इन दिनों जनता के लिए मुसीबत साबित हो रही हैं। सुरखी बायपास पर शराब दुकान के सामने निर्माण कार्य कर रही कंपनी ने नरसिंहपुर से सागर की ओर जाने वाले मार्ग को बिना डायवर्जन और वैकल्पिक व्यवस्था किए सड़क को लगभग एक माह से बंद कर दिया है, जिसके कारण यात्री, बस अब सुरखी के अंदर से न आकर वायपास से निकल रही है। इसके कारण से यात्रियों और खासकर छात्र-छात्राओं को लगभग तीन किलोमीटर पैदल सफर करके फोरलाइन तक जाना पड़ रहा है।

क्या प्रशासन को किसी घटना का इंतजार है?

अब सवाल यह उठता है कि सूनसान रास्ते में रात के समय अकेले जा रही महिलाओं के साथ कोई घटना हो जाए या किसी राहगीर के साथ लूटपाट हो जाये तो इसका जिम्मेदार कौन होगा, क्या सरकार और प्रशासन किसी घटना का इंतजार कर रहा है?

Sagar

कलेक्टर के नाम एक सप्ताह पहले दिया था थाने में ज्ञापन

ऐंसा नहीं है कि प्रसाशन को इस गंभीर समस्या की खबर नहीं है। नगरवासियों ने 5 मई को सागर कलेक्टर के नाम सुरखी थाना प्रभारी को ज्ञापन भी दिया था, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई पहल होती दिखाई नहीं दे रही है। सुरखी नगर का यह मार्ग बंद होने से लाकडाउन जैंसी स्थिति बनी हुई है। वहीं, सभी दुकानदार भी हाथ पर हाथ रखे बैठे हैं। खासकर चाट और दहीबड़ा, मंगौड़ी जो सुरखी की खास डिस के नाम से जानी जाती है और लोग बहुत दूर-दूर से केवल सुरखी दहीबड़ा, मंगौड़ी खाने ही आते थे। ये लोग भी आवाज नहीं उठा रहे हैं।

सागर से विनोद जैन की रिपोर्ट


About Author
Shashank Baranwal

Shashank Baranwal

पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

Other Latest News