ग्रामीणों ने सौंपा सीएम के नाम ज्ञापन, दी उग्र आंदोलन की धमकी

सागर, ब्रजेन्द्र रैकवार। जैसीनगर तहसील क्षेत्र के ओरिया गांव में बनने वाले प्रहलाद जलाशय का जलभराव क्षेत्र कम करने के विरोध मे ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के नाम जैसीनगर तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा।

ग्रामीणों ने ज्ञापन में बताया कि मध्यप्रदेश सरकार के सिंचाई विभाग द्वारा सन 1980-81 में सर्वे किया गया था। जब उसका क्षेत्रफल तकरीबन 363 एकड का था और इसी क्षेत्रफल के हिसाब से जलाशय की डीपीआर तैयार की गई और इस परियोजना की लागत 16 करोड़ रूपये रखी गई। वहीं कुछ स्थानीय लोगों की ज़मीन डूब क्षेत्र में जा रही और यही कुछ लोग अपनी जमीन बचाने के लिए राजनीतिक दबाव बनाकर डीपीआर में संशोधन कर जलाशय का जलभराव क्षेत्र को 60 एकड़ कर, परियोजना छोटा कर दिया गया, जिसकी लागत अब 4 करोड रुपए है।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।