सात बार असफल होने के बाद इंदौर की सलोनी का हुआ वायुसेना में सिलेक्शन, जानिए असफलता से सफलता की कहानी

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इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। कहते हैं अगर इरादों में जुनून (Passion in intent) हो तो कोई भी मुश्किल काम आसान हो जाती है। जिसके लिए अगर हमें बार-बार हार का सामना भी करना पड़े तो पीछे नहीं हटना चाहिए। ऐसा ही जुनून इंदौर (Indore) जिले की सलोनी शुक्ला (Saloni Shukla) में देखने को मिली। जिसे 7 बार नाकामियों का सामना करना पड़ा, लेकिन आखिरकार आज उसका भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) के लिए सलेक्शन हो गया है और वह अब फ्लाइंग ऑफिसर (Saloni Shukla Air Force Flying Officer) बनेगी।

8वीं बार में मिली सफलता


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।