Satna News : मध्यप्रदेश के सतना जिले में एक बार फिर फाइलेरिया की बीमारी लौट आई है। दरअसल, मैहर में 6 साल का बच्चा इस बीमारी से ग्रसित पाया गया है। बता दें इससे पहले साल 2016 में फाइलेरिया के मरीज पाए गए थे। मिली जानकारी के अनुसार, जिलेभर के 169 स्कूलों में 7 से 23 दिसंबर तक जांच अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत करीब 4 हजार बच्चों की जांच का लक्ष्य निर्धारित किया गया था।
विशेष निगरानी की जाएगी शुरू
जांच के दौरान सतना जिले के मैहर में एक बच्चा फाइलेरिया से संक्रमित पाया गया। जिसके बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई है। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम भी अलर्ट हो गई है। वहीं, जानकारों के मुताबिक, टास प्रोग्राम के तहत होने वाली 4 हजार जांच किए जाएंगे। इसमें यदि 80 केस पॉजिटिव पाए जाते हैं तो सतना जिले में फाइलेरिया से सम्बंधित गतिविधियां फिर तेज हो जाएंगी। जिसके बाद जिले में विशेष निगरानी शुरू कर दी जाएगी।
वजह
सबसे पहले हम आपको यह बता दें कि फाइलेरिया निमेटोड परजीवियों की वजह से होता है। निमेटोड परजीवी, मच्छरों और अन्य खून पीने वाले जीवों या कीड़ों की मदद से व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करते हैं और फिर फाइलेरिया हो जाता है। जो कि कभी-कभार जानलेवा भी हो जाता है।
लक्षण
बुखार, बदन में खुजली और पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द व सूजन की समस्या होती है। इसके अलावा पैरों और हाथों में सूजन, हाइड्रोसिल भी फाइलेरिया के लक्षण हैं। इस बीमारी में हाथ और पैरों में हाथी के पांव जैसी सूजन आ जाती है इसलिए इस बीमारी को भी हाथीपांव कहा जाता है।