सतना : भूख प्यास से हो रही गोवंश की मौत, प्रशासन सवालों के घेरे में।

Amit Sengar
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सतना, पुष्पराज सिंह बघेल। प्रदेश सरकार की ओर से गायों की सेवा करने और उन्हें सुरक्षित रखने के उद्देश्य से गौशाला खुलवाई गई हैं। लेकिन सेवा के लिए बनी गौशाला में देखरेख और चारे के अभाव में हर रोज गायों की मौत हो रही है। जबकि गौवंश के नाम पर राज्य सरकार लाखों रूपये खर्च कर रही है, मगर सुविधाओं के नाम पर यहां कोई काम होता नहीं दिख रहा। सरकारी गौशाला में गौवंश की ऐसी दुर्दशा देख सरकारी व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े होने लगे हैं।

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हम आपको बता दें कि सतना जिले में अमरपाटन तहसील के ललितपुर स्थित वैष्णव गौशाला में गौवंश भूख व प्यास के कारण तड़प-तड़प कर मर रहे हैं। लापरवाही का आलम यह है कि कुछ की आखिरी सांसें चल रही है, कई के शव सड़ गलकर मिट्टी में मिल चुके है, जिनकी दुर्गंध से वातावरण भी प्रदूषित हो रहा है। दरअसल, इस हृदयविदारक घटना का वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हुआ। वैसे ही जिले में हड़कंप मच गया, और जिला प्रशासन मौके पर पहुँचा। लेकिन उनके द्वारा किसी भी प्रकार की कोई भी कार्रवाई नहीं की।

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वैष्णव गौशाला संचालक लक्ष्मीकांत द्विवेदी ने बताया कि मैं दो दिन से गौशाला में उपस्तिथ नहीं हो पाया क्योंकि मेरे घर में शादी समारोह का कार्यक्रम चल रहा था। यह घटना मेरे संज्ञान में आ गई हैं, कुछ आसमाजिक तत्वों द्वारा यह वीडियो बनाई। हकीकत यह हैं कि कई गौंवश उम्र पूरी होने पर मृत हैं। कुछ बीमारी से ग्रसित हैं। जिनका हमारे द्वारा पूरा इलाज कराया जा रहा हैं।

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स्थानीय निवासी भैयालाल यादव ने कहा कि गौशाला की हकीकत की सीधी तस्वीरों को गवाह सबूत की जरूरत नही है, जिला प्रशासन को भी कार्यवाही में कोई अड़चन है लेकिन शायद उसके हाथ बंधे है, घृणित कारनामे की कलाई खुलने के बाद शर्मसार होने की बजाय गौशाला के संचालक सच्चाई बाहर लाने वालों को ही असामाजिक तत्व बता रहे है, गौशाला के नाम पर हर माह मोटी सरकारी रकम डकारने वाले संचालक सीधी तस्वीरों पर गोलमोल जवाब दे रहे है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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