Satna News : सतना की धार्मिक नगरी मैहर के सेमरा गांव के मंदिर में शर्मसार करने वाली छुआछूत की घटना सामने आई है, मंदिर के भंडारे में कुशवाहा और अहिरवार समाज द्वारा चौधरी समाज को फेंक कर प्रसाद देने और विरोध करने पर जातिगत गाली गलौज करने पर पीड़ित प्रभावित चौधरी समाज ने थाने में नामजद शिकायत भी दर्ज कराई है, मामला तूल पकड़ता देख पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ छुआछूत और अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जांच करने में जुट गई है, गांव का माहौल तनावपूर्ण बताया जा रहा है।
यह है मामला
आपको बता दें कि सेमरा गांव के राम जानकी मंदिर में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी भंडारे के लिए पूरे गांव से अनाज रुपया पैसा एकत्र कर भव्य भंडारे का आयोजन किया गया था, जिसमें सभी ग्रामीण जन प्रसाद ग्रहण कर रहे थे, जैसे ही चौधरी समाज की महिला पुरुष मंदिर पहुंचे भंडारे के सर्वेसर्वा कुशवाहा और अहिरवार समाज के लोगों ने छुआछूत के चलते उन्हें फेंक कर प्रसाद देने लगे, यह बात समाज की महिलाओं को बेहद नागवार गुजरी और विरोध दर्ज कराया, जिसपर ऊंची जाति के लोगों ने न सिर्फ जातिगत गाली गलौज दी बल्कि उन्हें बिना प्रसाद दिए मंदिर से भगा दिया, चौधरी समाज के लोग लामबंद होकर अमदरा थाने पहुंचे और जातिगत भेदभाव करने वाले ऊंची जाति के लोगों के खिलाफ नामजद शिकायत दर्ज करा दी।
घटना 04 जुलाई की बताई जा रही है, सीधी जिले में घटे जातिगत घटनाक्रम से सबक लेने की बजाय अमदरा पुलिस संवेदनशीलता मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया, घटनाक्रम सोशल मीडिया में सुर्खियां बनते ही मामला तूल पकड़ते देख पुलिस फौरन हरकत में आई और आनन फानन में आरोपी रामभजन कुशवाहा और बबलू कुशवाहा के खिलाफ छुआछूत sc-st व अन्य आईपीसी की धाराओं के तहत मामला कायम कर लिया है, चौधरी समाज की महिलाओं और युवतियों ने बताया कि राम जानकी मंदिर हमारे समाज द्वारा बनवाया गया है और हमलोगों से छुआछूत और प्रवेश नही करने दिया जाता है, भंडारे में चंदा और अनाज लेने में कोई छुआछूत नही होती लेकिन मंदिर में प्रसाद फेंक कर दिया जाता है, चौधरी समाज के लोग आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर इंसाफ की मांग तो कर रही हैं लेकिन अपनी जान माल की सुरक्षा की गई दुहाई दे रहे है, फिलहाल घटनाक्रम से गांव ही नहीं आसपास के गांव का माहौल तनावपूर्ण बताया जा रहा है, पुलिस अफसर मामले संवेदनशील मानते हुए मामले पर नजर बनाए हुए हैं।
सतना से फारुख कुरेशी की रिपोर्ट