सतना।
चित्रकूट से अगवा किए गए जुड़वा बच्चों की यूपी में निमर्म हत्या के बाद सियासत गर्मा गई है। कानून व्यवस्था पर सवाल उठने लगे है।एक तरफ विपक्ष इस पूरे घटनाक्रम के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहा है वही दूसरी तरफ सतना में तनाव के हालत हो गए है। लोग सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे है।पुलिस की गाड़ी में तोड़फोड़ की गई है, पुलिस ने जवाब में आंसू गैस के गोले छोडे है।कई पुलिसकर्मियों के घायल होने की भी खबर है।शहरभर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। शहर भर में धारा 144 लागू कर दी गई है। फिलहाल पुलिस भीड़ को काबू करने में जुटी है।
मिली जानकारी के अनुसार, शनिवार को सतना जिले के चित्रकूट स्थित स्कूल बस से अपहरण किए गए जुड़वा बच्चों की फिरौती लेने के बाद भी अपहरणकर्ताओं ने हत्या कर दी है। घटना के बाद से ही कानून व्यवस्था पर सवाल उठने लगे है। विपक्ष ने इस घटना के लिए कमलनाथ सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। वही सुबह जैसे ही ये बात शहर में फैली तो आक्रोश भड़क उठा है। पूरे क्षेत्र में तनाव के हालात निर्मित हो गए है। सड़कों पर भारी भीड़ जमा है। आक्रोशित लोगों द्वारा पुलिस वाहनो में जमकर तोड़फोड़ की गई है।प्रदेश सरकार के खिलाफ भी लोगो में भारी आक्रोश है और वे सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे है।।प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि जब बच्चो को खोजना था तब सरकार पुलिस के तबादले में जुटी थी। वही इस मामले में असफल प्रयास पर पुलिस के ऊपर लोगों का जमकर आक्रोश बरस रहा है। ।
कई पुलिसकर्मियों को भी घायल होने की खबर है ।हालत को काबू करने पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोडे़ है। शहरभर में भारी फोर्स तैनात किया गया है जो भीड़ को तितर बितर करने में लगा हुआ है।जानकी कुंड अस्पताल और गौशाला में तोडफ़ोड़ के बाद आगजनी की जा रही है। पुलिस पार्टियों के उपर भी पथराव किया जा रहा है। जिला प्रशासन के जिम्मेदार मौके पर डटे हुए है।मामले की सूचना मिलते ही लॉ एंड ऑर्डर के लिए प्रशासनिक अफसर भी पहुंचे। चित्रकूट में बच्चों की निर्मम हत्याकांड में पकड़े गए 6 आरोपियों में से 5 चित्रकूट के ग्रामोदय विश्वविद्यालय के छात्र बताए जा रहे हैं।पुलिस लगातार हालत पर काबू पाने की कोशिश कर रही है।
विपक्ष ने उठाए सवाल
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने इस घटना के लिए प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए है ।उन्होंने कहा है कि प्रदेश सरकार और प्रशासन चित्रकूट के अपहृत जुड़वा बालको को अपहरण कर्त्ताओं से मुक्त कराने में 12 दिन बाद भी असफल हुए और अंततः उन स्कूली बच्चों की निर्मम हत्या कर दी गई। लेकिन प्रदेश सरकार ट्रांसफरों में मस्त है, प्रशासनिक रिक्तता और अराजकता भीषण रूप से प्रदेश ने व्याप्त हो चुकी है । अब प्रदेश में दो ही उद्योग चलेगे एक अपहरण का दूसरा ट्रांसफरों का । चाहें तो इन दोनों उद्योगों की इन्वेस्टर समिट भी बुला सकते है, क्योंकि अशांति के इस माहौल में अब कोई उद्योगपति गपति तो आने से रहा ।
सामने आई पुलिस की नाकामी
अपहरण के 12 दिन बीच जाने के बाद भी बच्चों का पता लगाने मे नाकाम रही मध्य प्रदेश पुलिस की बड़ी नाकामी सामने आई है।इसके बाद मामले की जांच STF को सौंपी गई थी। लेकिन उसके भी हाथ खाली रहे। कहा जा रहा है कि 25 लाख रुपए फिरौती देने पर भी बच्चों की जान नहीं बची। जिन छह लोगों को पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार किया है ये पेशेवर अपराधी नहीं है बल्कि जल्द पैसा कमाने के लालच में शॉर्टकट अपनाने वाले संपन्न घरों के लड़के हैं। गिरफ्तार आरोपियों में एक स्कूल के सुरक्षा गार्ड का बेटा, एक बच्चों कोचिंग पढ़ाने वाला लड़का, एक बीटेक का छात्र और एक पुरोहित का बेटा शामिल है।फिलहाल पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है।
गौरतलब है कि यहां से 12 फरवरी को अगवा किए गए दो जुड़वां बच्चों शिवम और देवांग की शनिवार को हत्या कर दी गई। दोनों के शव उत्तरप्रदेश के बांदा में नदी के पास मिले। बताया जा रहा है कि अपहरणकर्ताओं ने 20 लाख की फिरौती मिलने के बाद भी बच्चों की हत्या कर दी। दोनों बच्चों की उम्र 5 साल थी। वे छुट्टी के बाद चित्रकूट के स्कूल से सतना वापस आ रहे थे। उस दौरान बदमाशों ने स्कूल बस से अगवा कर लिया। पूरी वारदात बस में लगे सीसीटीवी में रिकॉर्ड हुई थी। फुटेज में बदमाश रिवॉल्वर दिखाकर बच्चों का अपहरण करते नजर आए थे। पुलिस के मुताबिक- बदमाशों ने पहले बंदूक दिखाकर बस को रुकवाया और फिर दोनों बच्चों को बस से उठाकर ले गए। बच्चे चित्रकूट के सद्गुरु ट्रस्ट के एसपीएस स्कूल में पढ़ते थे।