दुल्हन की तरह सजाया जाएगा सीहोर का ऑल सेंट्स चर्च, करीब 100 लोगों के बैठने की है व्यवस्था, जानें इतिहास

Sehore News : पूरे विश्व में क्रिसमस का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। बता दें कि 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला इस पर्व के लिए लोग पहले से ही तैयारियां शुरू कर देते हैं। वहीं, आजकल तो यह फेस्टिवल एक वीक पहले से ही शुरू हो जाता है। शहर की सड़कें, दुकानें, घर, आदि को रंग-बिरंगे लाइस्ट से सजा दिए जाते हैं। इसी कड़ी में एशिया में सबसे खूबसूरत माना जाने वाला सीहोर का ऑल सेंट्स चर्च इस खास मौके के लिए दुल्हन की तरह सज कर तैयार है, जिसे बनाने में 27 साल का समय लगा था। इसकी खूबसूरती आने वाले पर्यटकों का मन मोह लेती है। आइए जानते हैं इस चर्च का इतिहास विस्तार से…

दुल्हन की तरह सजाया जाएगा सीहोर का ऑल सेंट्स चर्च, करीब 100 लोगों के बैठने की है व्यवस्था, जानें इतिहास

क्या है इस चर्च की खासियत?

हर साल क्रिसमस पर इस चर्च को दुल्हन की तरह सजाया जाता है। रंग-बिरंगी रोशनियों से सजे चर्च की खूबसूरती कई गुना बढ़ जाती है। बता दें कि इसका निर्माण पत्थर से किया गया है। चर्च की बेंच ऐसी लकड़ी से बनाई गई है जो इतने वर्षों बाद भी उसी स्थिति में है। इस चर्च में करीब 100 लोगों के बैठने की व्यवस्था है। साथ ही यह करीब 1 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। जिसकी व्यवस्था और रखरखाव की जिम्मेदारी चर्च कमेटी के पास है। चर्च के आसपास बांसों के झुरमुट लगाए गए है। चर्च की दीवारें लाल पत्थर से बनाई गई हैं। इसकी नक्काशी ठीक उसी तरह की गई, जिस तरह स्कॉटलैंड के चर्च में की गई है। इसके निर्माण में वास्तुशास्त्र का भी ध्यान रखा गया है। यह चर्च देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी मशहूर है। यह पुरातत्व विभाग की संग्रहित इमारतों की सूची में शामिल है।

जानिए चर्च का इतिहास?

मध्य प्रदेश के सीहोर में स्थित ऑलसेंट्स चर्च को अंग्रेजों के पहले पॉलिटिकल एजेंट जेडब्ल्यू ऑस्बोर्न ने साल अपनी भाई की याद में बनवाया था। कहा जाता है कि साल 1869 में लन्दन न्यूज में इसका फोटो भी प्रकाशित हुआ था। वहीं, साल 1818 में जब भोपाल रियासत अंग्रेजी हुकूमत के कब्जे में आई थी, उसके करीब 6 साल बाद अंग्रेजी हुकूमत ने यहां सैनिक छावनी बनाई थी। इसके बाद साल 1834 में पहले पॉलिटिकल एजेंट के रूप में जेडब्ल्यू ओस्बॉर्न सीहोर आए जोकि प्रकृति प्रेमी थे। उन्होंने चर्च के साथ आस-पास के इलाके को सुंदर और हरा-भरा बनाया। बता दें कि इस चर्च को स्कॉटलैंड के ऐतिहासिक चर्च की तर्ज पर बनाया गया है। एशिया में सबसे सुंदर माने जाने वाला यह चर्च 156 साल पुराना है।

कब हुई पहली प्रार्थना?

इसकी ख्याति सुनकर ओस्बॉर्न की 5वीं पीढ़ी के बैरिस्टर निकोलसन और उनकी पत्नी अलेक्जेंड्रिया साल 2004 में अपने परदादा द्वारा बनाए गए चर्च को देखने सीहोर आए थे। जिसे देख कर वह दोनों बहुत खुश हुए थे। वास्तव में यह चर्च सीहोर की आस्था और अध्यात्म की अमूल्य निधि है। स्थानीय लोगों की मानें तो साल 1850 में पहली बार इस चर्च में प्रार्थना की गई थी। यहां ब्रिटिश काल के फौजी अधिकारी प्रार्थना के लिए आते थे।

सीहोर से अनुराग शर्मा की रिपोर्ट


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है। पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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