कोतवाली में पदस्थ घनश्याम वर्मा की कोरोना से मौत, गार्ड ऑफ ऑनर के साथ दी गई अंतिम विदाई

Gaurav Sharma
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सीहोर, अनुराग शर्मा। कोतवाली सीहोर में पदस्थ आरक्षक घनश्याम वर्मा की  कोरोना के चलते मौत हो गई। सोमवार को सुबह उनको राजकीय सम्मान गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम विदाई दी गई। आरक्षक को अंतिम विदाई देने आए सभी अधिकारियों ने पीपीई किट पहनी हुई थी।

दरअसल, आरक्षक घनश्याम वर्मा कर्तव्यरत थे, जिनकी तबीयत खराब होने पर रविवार को उपचार हेतु जिला चिकित्सालय सीहोर में उन्हें एडमिट कराया गया था। इलाज के दौरान उनकी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई थी। वहीं उपचार के दौरान आरक्षक की मृत्यु हो गई थी। बता के मृतक आरक्षक घनश्याम वर्मा ग्राम कोठरी थाना आष्टा जिला सीहोर के निवासी थे। मृतक ने पुलिस सेवा में आरक्षक के पद पर 9 नवंबर 1989 में भर्ती हुए थे तथा इनके द्वारा 31 साल पुलिस विभाग में सेवा की गई थी।

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।