रुद्राक्ष महोत्सव : महाआरती के बाद मंगलवार को हुआ समापन, 1 लाख 61 हजार से अधिक रुद्राक्ष किए वितरित

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सीहोर अनुराग शर्मा। सीहोर (Sehore) के पास चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर व कुबेरेश्वर महादेव मंदिर (Kubereshwar Mahadev Temple) में जारी रुद्राक्ष महोत्सव (Rudraksha Festival) का आज मंगलवार को महाआरती के साथ समापन हुआ। यहां पर देश के कई प्रदेशों से करीब 23,500 परिवार आये और आसपास के लोगों को 1,61000 आमंत्रित रुद्राक्ष बांटे जा चुके हैं। वही कई लोग तो आकर जा भी चुके है। जबकि कुछ शुरू से अभी तक यहीं पर रूके हुए हैं। इस तरह 7 दिन के अंदर करीब एक लाख 61 हजार से अधिक रुद्राक्ष का वितरण हो चुका है।

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इस महोत्सव में शामिल होने हल्द्वानी ,दिल्ली ,नैनीताल ,राजस्थान आदि जगहों से 300 कलाकार आए हुए हैं। जो दिन में सुनाई गई कथा को रात में नृत्य में रू पारित कर समझाते हैं। खास बात ये रही कि शिव पुराण से संबंधित नृत्यों की यहां प्रस्तुति दी गई थी। कल यानि सोमवार को गणेश नृत्य प्रस्तुत किया गया था।

रुद्राक्ष के फायदे
भगवान भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा ने बताया कि रुद्राक्ष के ऐसे तो कई फायदे हैं लेकिन रुद्राक्ष को लेकर यहां भी उदाहरण है कि मंत्र जाप और गिरोह का नेतृत्व करने के लिए रुद्राक्ष को सबसे उत्तम बताया गया है। बहुत ही कम लोगों को पता होगा कि रुद्राक्ष को धारण कर शनि दोष को दूर किया जा सकता है। रुद्राक्ष के कुछ खास उपाय से कुंडली में मौजूद शनि के अशुभ योग भी खत्म हो जाते हैं। रुद्राक्ष में वह शक्ति है जो अपने धारक को हर तरह की परेशानी से लड़ने की क्षमता देता हैं और दूर करता हैं। महाशिवपुराण के समापन में रुद्राक्ष का वितरण भी किया गया।

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Harpreet Kaur

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