Sehore News : गांव में नहीं पहुंचती एंबुलेंस, गर्भवती को ग्रामीणों ने खटिया पर लाद कर पहुंचाया अस्‍पताल

Sehore News : राजनीति के मंचों से जनप्रतिनिधियों द्वारा भले ही डिजीटल इंडिया के नाम पर तमाम दावे किए जाते हो, लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर है। एक ऐसा ही मामला सामने आ रहा है बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले व पूर्व राजस्व मंत्री व 7 बार के भाजपा विधायक करण सिंह वर्मा की इछावर विधानसभा क्षेत्र के गांव में सडक़ नहीं होने से गर्भवती को लेने एंबुलेंस घर तक नहीं आ सकी, नतीजतन परिजन दो किलोमीटर दूर खटिया पर लादकर गर्भवती को सडक़ तक लेकर पहुंचे, तब एंबुलेंस नसीब हो सकी।

यह है पूरा मामला

जानकारी के अनुसार, सीहोर जिले के सुआखेड़ा गांव में सडक़ जैसी जरुरी सुविधाओं से जूझ रहा है। इस गांव की आबादी 500 की है। गांव में सडक़ नहीं होने की वजह से स्कूल के छात्र-छात्राओं को कीचड़ से सने रास्ते से ही स्कूल जाना पड़ता है। और सबसे अधिक मरीजों की फजीहत गांव में सडक़ नहीं होने की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी मरीजों को उठाना पड़ती है। ग्रामीण खटिया पर लादकर मरीज को दो किलोमीटर दूर पक्की सडक़ तक ले जाते हैं, तब कही जाकर मरीज को एंबुलेंस या चार पहिया वाहन नसीब हो पाता है। ग्राम सुआखेड़ी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। मानवता को शर्मसार करता यह वीडियो इछावर का सुआ खेड़ी गांव का बताया जा रहा है। आशा नाम की एक महिला की डिलीवरी होनी थी, रास्ता खराब होने से एंबुलेंस गांव में नहीं पहुंच पाई और मजबूरन गर्भवती महिला को ग्रामीणों ने 2 किलोमीटर खटिया पर लाद कर पक्के रोड तक पहुंचाया, जिसके बाद महिला को चार पहिया वाहन से अस्पताल ले जाया जा सका।

15-20 साल से यही हाल

ग्रामीणों के अनुसार, बीते 15-20 सालों से ग्राम में सडक का अभाव है। सडक निर्माण के लिए कई बार जनप्रतिनिधियों को भी अवगत कराया, लेकिन नतीजा सिर्फ हर बार जनप्रतिनिधियों द्वारा महज आश्वासन ही दिया गया, लेकिन सडक़ का निर्माण नहीं कराया जा सका। हर बारिश में ग्रामीणों को यूं ही कष्ट भरा जीवन जीने के लिए मजबूर होना पड़ता है। ग्रामीण रामसिंह मालवीय ने बताया कि समय पर इलाज नहीं मिलने की वजह से कई मरीजों की तो असमय मौत भी हो चुकी है।
सीहोर से अनुराग शर्मा की रिपोर्ट


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Amit Sengar

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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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