दस एकड़ जमीन हड़पने की फिराक में भूमाफिया, किसानों ने सौंपा कलेक्टर को ज्ञापन

सीहोर, डेस्क रिपोर्ट। एक एकड़ कृषि भूमि का खरीदी अनुबंध कर भू माफिया ने किसानों की 9 एकड़ अतिरिक्त भूमि पर जबरन कब्जा कर लिया है। किसानों को भू माफियाओं के द्वारा पांच साल पहले खरीदी गई एक एकड़ भूमि का भी भुगतान अबतक नहीं किया गया है। अनुबंध में उलझा कर अवैधानिक रूप से भू माफिया ने कई लोगों को फर्जी तरीके से प्लाट बेच कर लाखों रूपये की वसूली कर ली है। इधर पैसे के अभाव में वास्ताविक भूमि मालिक किसान की बीमारी के चलते और उसके बेटे की धोकाधड़ी से उत्पन्न सदमें के कारण उसकी मौत हो गई।

डिप्टी कलेक्टर विष्णु प्रसाद और एडिशनल एसपी समीर यादव को दिए शिकायती पत्र में पीडि़त किसानों ने कहा कि रंजीत राठौर और राजकुमार भारती दोनों अपराधिक प्रवर्ति के है। पूर्व में और कई किसानों की इसी प्रकार अनुबंधों में फसाकर जमीने हड़प ली है। यह लोग भू माफिया है। जालसाजी कर कृषि भूमि हड़प ने की कोशिश करने वाले रंजीत राठौर और राजकुमार भारती पर सख्त कार्रवाई कर अनुबंध पत्र के मुताबिक भुगतान कराने अवैधानिक रूप से कब्जाई जमीन से उनको हटाने परिजनों को सुरक्षा देने की मांग की है।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।