सेवढा, राहुल ठाकुर। पिछले 6 माहिनों से सरकार की सख्ती के बावजूद रेत माफियाओं (sand mafias) पर लगाम लगती दिखाई नहीं पड़ रही है। आलम यह है कि सेवढा नगर स्थित सिंध नदी के पास के इलाकों में बिना किसी रोक-टोक के दिन दहाड़े रेत का खनन जारी है। इस का सबसे बड़ा कारण है कि रेत का अवैध खनन (illegal sand mining) करने वाले रेत माफिया सत्ता पक्ष से गहरा नाता रखते हैं। इसी के कारण प्रशासन के बिना किसी हस्तक्षेप से फर्राटे भरते हुए रेत से भरे ट्रैक्टर गली महोल्लों में दौड़ते देखे जा सकते हैं।
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इस अवैध खनन से एक ओर रेत माफियाओं के हौसले बुलंद होते जा रहे है तो वंही दूसरी ओर शासन को भी लाखों रुपये का चूना लगा रहे है। सेवढा खदान शासन की नजर में अस्वीकृत खदान है लेकिन सिंध नदी के किनारे रेत का अंबार लगा होने से इन घाटों पर बिना कोई रोक-टोक रेत माफियाओं का हस्तक्षेप अधिक दिखाई देता है। वहीं ये रेत माफिया बड़े-बड़े सत्ता पक्ष के मंचो पर भी नजर आते हैं, बड़े नेताओं से संबंध के वजह से प्रशासन रेत माफियाओं पर कार्रवाई करने में हिम्मत तक नहीं जुटा पा रही है।
खबर के मुकाबिक सिंध नदी स्थित कन्दरपुरा घाट और छेकुर घाट पर कई बार ऑन रिकॉर्ड कार्रवाई, बेधड़क चलने वाले इस रेत के काले कारोबार को अंजाम को शाम ढलते शुरू किया जाता है जो दूसरे दिन सुबह तक चलता है। इस अवैध खनन को रोकने के लिए कई बार नियुक्त ठेकेदार के उड़नदस्ता टीम के द्वारा कार्रवाई तक की गई लेकिन इसके बवाजूद असर शून्य ही दिखाई देता है। आज रविवार को भी रेत माफियाओं द्वारा कन्दरपुरा घाट व छेकुर घाट पर धड़ल्ले से रेत उत्खनन किया जा रहा था।