पिछड़ी जातियों को सम्मान दिलाने भाजपा सरकार प्रतिबद्ध- राम खेलावन पटेल

Gaurav Sharma
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शहडोल, अखिलेश मिश्रा। जिले के अल्प प्रवास पर आये मध्यप्रदेश शासन के राज्य मंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण (स्वतंत्र प्रभार), विमुक्त घुम्मकड़, राम खेलावन पटेल द्वारा रविवार को सर्किट हाऊस में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया, जिसमें पत्रकारों को संबोधित करते हुए अपने व्यक्तव्य में मंत्री पटेल ने कहा कि वर्तमान परिवेश में अन्य पिछड़ा वर्ग के उत्थान के लिए बहुत सी योजनाओं का क्रियान्वयन राज्य सरकार द्वारा संचालित की जा रही है। इन योजनाओं के क्रियान्वयन के बाद भी कई जातियां ऐसी हैं जिनका नाम केंद्र की सूची में दर्ज नहीं है।

हमारा उद्देश्य है कि हम इन जातियों को पिछड़ी जाति की अनुसूची में शामिल कर प्रमुखता से समाज की मुख्य धारा में शामिल करें, जिससे इन्हें सभी सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिल सके। अपने संक्षिप्त दौरे में पटेल ने अनूपपुर चुनाव के लिए अपनी जिम्मेदारी को प्रमुखता दी और अपने दौरे का प्रमुख कार्य बताया। विधानसभा उपचुनाव के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भाजपा सभी 28 सीटें जीतकर रिकार्ड बनाएगी। पत्रकार वार्ता के दौरान मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल, शहडोल भाजपा जिलाध्यक्ष कमल प्रताप सिंह, नगर अध्यक्ष सूर्यकांत मिश्रा, सोहागपुर मण्डल अध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह, रवीन्द्र वर्मा, शोभित वर्मा, अमन शुक्ला, शक्ती सिंह सहित कई भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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