आदिवासी जिले की दर्दनाक तस्वीर, बदहाल सुविधाओं की खुली पोल

Amit Sengar
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शहडोल, डेस्क रिपोर्ट। शहडोल (Shahdol) जिले के मेडिकल कॉलेज में शव वाहन की सुविधा न होने से आम जन को बहुत परेशानी उठानी पड़ रही है। इस स्थिति में लोग शव अपने वाहन से ही लेकर जाते हैं। कई लोग मजबूरी में दो पहिया वाहन या अन्य साधनों से शव को लेकर जाते हैं। रविवार को भी एक ऐसा मामला सामने आया है। जहाँ मेडिकल कालेज में शव वाहन न मिलने पर दो भाई मोटर साइकिल से 80 किमी दूर मां के शव को ले गए।

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आपको बता दें कि शहडोल मेडिकल कॉलेज का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें दोनों भाइयों ने शव को कंबल में लपेटा। इसके बाद बाइक पर लकड़ी की पटिया रखी, इससे मां के शव को बांध दिया। और एक भाई ने बाइक चलाई और दूसरे ने पीछे बैठकर शव को पकड़े रखा। जैसे-तैसे दोनों शहडोल से 80 किलोमीटर दूर अनूपपुर जिले के गोड़ारू गांव पहुंचे।

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प्राप्त जानकारी के अनुसार, गोडारू निवासी जयमंत्री यादव को सीने में तकलीफ होने के कारण जिला अस्पताल शहडोल में भर्ती कराया गया था। हालत में सुधार न होने के कारण मेडिकल कालेज के लिए रेफर कर दिया गया। उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। इसके बाद शव वाहन नहीं मिला तो मोटर साइकिल में लकड़ी के पटिया के सहारे मोटर साइकिल से घर तक ले गए।

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गौरतलब है कि इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद बेटों ने गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि जिला अस्पताल की नर्सों ने मां की ठीक से देखभाल नहीं की। मौत के बाद शव वाहन मांगा, लेकिन नहीं मिला। प्राइवेट वाहन वालों से बात की तो उन्होंने 5 हजार रुपए मांगे, हमारे पास इतने रुपए नहीं थे। इसलिए 100 रुपए का पटिया खरीदा और शव को बांधकर बाइक से अपने गांव ले गए। इधर, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वीडियो ट्वीट कर शिवराज सरकार पर निशाना साधा है।

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कालेज प्रबंधन के अनुसार मेडिकल कालेज में एम्बुलेंस की सुविधा वर्तमान में नहीं है और न ही शव वाहन है। दो एम्बुलेंस मिली हैं जिनके पंजीयन की प्रक्रिया की जा रही है। इसके बाद ही मरीजों को सुविधा दी जाएगी।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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