शहडोल पुलिस को मिली बड़ी सफलता, 10 लाख के गांजे के साथ चार आरोपी गिरफ्तार

शहडोल, अखिलेश मिश्रा। पुलिस के द्वारा विगत महीनों से गांजे के अवैध तस्करों एवं नशीली दवाई के कारोबारियों पर शिकंजा कसते हुए लगातार कार्रवाई की जा रही है । बीते कुछ महीनों में अवैध नशे का व्यापार करने वाले न केवल स्थानीय अपराधियों के खिलाफ पुलिस द्वारा कार्रवाई की गई बल्कि अंतर्जिला एवं अंतर्राज्यीय व्यापारियों के विरूद्ध भी कार्रवाई की गई है। पुलिस अधीक्षक शहडोल सत्येन्द्र कुमार शुक्ल के नेतृत्व में अवैध गांजा तस्करों एवं विक्रेताओं पर अनवरत् रूप से जारी कार्रवाई के चलते एक राज्य से दूसरे राज्य परिवहन करने वाले तस्करों को अपना मार्ग बदलने पर विवश होना पड़ रहा है। इसके साथ ही अवैध गांजे के व्यापार की पूरी श्रंखला को ध्वस्त करने का प्रयास शहडोल पुलिस द्वारा बेहद प्रतिबद्धता के साथ सतत् तौर पर किया गया।

गांजे के अंर्तराज्यीय तस्करों को थाना देवलोंद में गिरफ्त में लिया गया है। आरोपियों के पास से लगभग 61.56 किलोग्राम  10 लाख रूपये की कीमत का अवैध गांजा जब्त किया गया है। गत दिवस थाना देवलोंद में मुखबिर सूचना प्राप्त हुई कि ब्यौहारी की ओर से एक सिल्वर रंग की मारूति सुजूकी स्विफ्ट कार में कुछ व्यक्ति गांजा लेकर देवलोंदकी तरफ आ रहे हैं।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।