शाजापुर, डेस्क रिपोर्ट। सोशल मीडिया पर मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले के कलेक्टर के स्टेनों का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह बता रहा है कि इस देश में कोई भी हरिश्चंद्र नहीं है। यहां तक कि हमारा कलेक्टर या मैं भी हरिशचंद नहीं हूं।वह यह भी कहता नजर आ रहा है कि मैं कलेक्टर से भी ज्यादा खतरनाक हूं। कई कलेक्टरों को निकाल चुका हूं।वीडियो सामने आने के बाद कलेक्टर दिनेश जैन ने अपने स्टेनों भगवती प्रसाद को उनके पद से हटा दिया है,उन्हें मूल विभाग जिला पंचायत कार्यालय में भेज दिया गया।
दरअसल , शुक्रवार को शाजापुर जिले में उस समय हड़कंप मच गया है जबकि कलेक्टर दिनेश जैन के स्टेनों का एक वीडियो वायरल हुआ।स्टेनो भगवत प्रसाद किसी काम से शहर में आए थे और सिटी सेंटर मॉल में उन्हें जाना था। उन्होंने अपनी कार एक निजी अस्पताल के सामने खड़ी थी जिस पर गार्ड ने उन्हें वहां गाड़ी खड़ी करने से मना किया। स्टेनो जब अपनी गाड़ी दूसरी जगह लगाने लगे तो वह एक एंगल से टकरा गई और उसमें स्क्रैच आ गया।
इसी बात को लेकर स्टेनो अस्पताल प्रबंधन पर नाराज हो गए और जमकर खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने कहा कि मुझे पता कि कोरोना काल में इस अस्पताल क्या-क्या गड़बड़ियां हुई है। किस किस तरह से इंजेक्शन लगाए गए हैं और किस-किस तरह की बिलिंग हुई है। उन्होंने अपने रुतबे का हवाला देते हुए कहा कि मैं 41 साल से नौकरी कर रहा हूं। अब तक 25 कलेक्टर निकाल चुका हूं। मैं अपनी कलम से गलत काम नहीं करता।
स्टेनो ने यह भी कहा कि भारत वर्ष में 100% कोई भी हरिशचंद नहीं है। हमारा कलेक्टर भी हरिशचंद नहीं है और मैं भी हरिशचंद नहीं हूं। लेकिन मैं बहुत खतरनाक आदमी हूं। कलेक्टर से भी ज्यादा खतरनाक आदमी हूं। हैरत की बात यह है कि अस्पताल प्रबंधन भी लगातार इन बातों के जवाब देते इस वीडियो में नजर आ रहा है।हालांकि वीडियो वायरल होने के बाद बीपी लेवे ने सफाई जारी करते हुए कहा है कि उन्होंने किसी भी तत्कालीन या वर्तमान कलेक्टर पर कोई आरोप नहीं लगाया, वे सबका सम्मान करते हैं।यह वीडियो लगभग 15 दिन पुराना बताया जा रहा है।
(Note- MP Breaking News इस वायरल वीडियो की पुष्टी नहीं करता है)
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Pooja Khodani
खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते।
"कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ।
खबरों के छपने का आधार भी हूँ।।
मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ।
इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।।
दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ।
झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।"
(पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)