किसानों का बिजली विभाग के खिलाफ धरना प्रदर्शन, समस्या का समाधान नहीं होने पर चुनाव बहिष्कार का एलान

employees News
Shajapur News: मध्य प्रदेश के शाजापुर में बिजली विभाग के खिलाफ धरना प्रदर्शन का मामला सामने आया है। जहां शाजापुर जिला मुख्यालय से 10 किमी. दूरी पर भरड गांवे में बने बिजली ग्रिड पर कई गांवों के सैकड़ों लोगों ने बिजली विभाग के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर दिया है है। किसानों की मांग है कि रबी फसल के लिए लगभग 10 घंटे बिजली मुहैया कराई जाए। लेकिन गांव वालों ने शिकायत की है कि 1 घंटे भी बिजली नहीं मिल पा रही है।

समस्या का समाधान न होने पर चुनाव बहिष्कार का एलान

किसानों ने आंदोलन शुरु कर कहा है कि अगर बिजली की समस्या का जल्द समाधान नहीं होने पर कई गांवों के लोगों द्वारा चुनाव का बहिष्कार कर मतदान नहीं दिया जाएगा। बरड गांव में बने ग्रिड के अधिकारी ने बताया कि रविवार की रात 3 बजे बिजली की तार टूट जाने के बाद किसानों द्वारा धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। वहीं इस मामले की जानकारी अधिकारियों को दे दी गई है।

रविवार की रात से किसानों ने शुरु किया आंदोलन

बता दें किसानों ने रविवार देर रात करीब तीन बजे से ही जिला मुख्यालय में बने ग्रिड पर पहुंचकर बिजली विभाग के खिलाफ धरना शुरू कर दिया है। किसानों का कहना है कि देर रात जब 3 बजे बिजली का तार टूट जाने पर 1 घंटे मिल रही बिजली की आपूर्ति जब रुक गई तो गांव वालों ने मिलकर आंदोलन करने का निर्णय लिया। किसानों का कहना है कि जब तक बिजली की समस्या सही नहीं होगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा। आपको बता दें किसानों ने इस दौरान बिजली विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सरकार पर जमकर आरोप लगाए। इसके साथ ही ग्रिड पर ताला भी लगा दिया है।


About Author
Shashank Baranwal

Shashank Baranwal

पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।