कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से आये चीता शौर्य ने तोड़ा दम, अब तक 10 चीतों की हो चुकी मौत

Atul Saxena
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Cheetah Project MP, Namibian cheetah Shaurya dies in Kuno National Park

Cheetah Project MP,  Kuno National Park : चीता प्रोजेक्ट का आज एक बार फिर झटका लगा है, आज मंगलवार को एक और चीते के दम तोड़ दिया, ये चीता 17 सितंबर 2022 को पहली खेप में 8 चीतों के साथ नामीबिया से भारत आया था जिसे पीएम मोदी ने अपने जन्मदिन पर अपने हाथ से बाड़े में छोड़ा था और चीता प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी, चीता शौर्य की मौत के साथ अब तक 10 चीतों की मौत हो चुकी है, लगातार हो रही मौतें प्रोजेक्ट पर सवाल खड़े कर रही हैं ।

आज सुबह अपने बाड़े में अचेत मिला था चीता शौर्य 

प्रोजेक्ट डायरेक्टर की तरफ से जारी प्रेसनोट में कहा गया कि चीता शौर्य आज सुबह करीब 11 बजे ट्रेकिंग टीम को अपने बाड़े में अचेत मिला था, उसे तत्काल इलाज दिया गया, उसे सीपीआर दिया गया, चीता शौर्य ने थोड़ा रिस्पोंस भी दिया लेकिन कॉम्प्लीकेशन्स के कारण वो उबर नहीं पाया और फिर 3:17 बजे उसकी डेथ हो गई।

17 सितंबर 2022 को बाड़े में छोड़कर पीएम ने की थी चीता प्रोजेक्ट की शुरुआत 

आपको बता दें कि चीता शौर्य भारत आने वाली सबसे पहली चीता खेप का हिस्सा था, उसे 17 सितंबर 22  को 8 चीतों के साथ नामीबिया से विशेष विमान से लाया गया था, पीएम नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर को अपने जन्मदिन पर चीता प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी और नर चीता शौर्य के साथ दो अन्य चीतों को बाड़े में छोड़ा था, इसके बाद 12 चीते दक्षिण अफ्रीका से 18 फरवरी 2023 को आये थे।

चीता की लगातार मौत प्रोजेक्ट पर उठा रहीं कई सवाल 

विशेषज्ञों के फैसले के बाद कूनो नेशनल पार्क श्योपुर को दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया के चीतों के लिए उपयुक्त जगह माना गया था इसलिए यहाँ इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई लेकिन एक एक कर पिछले करीब सवा  साल में यहाँ अब तक 10 चीतो की मौत इस प्रोजेक्ट पर कई सवाल खड़े कर रही है।

कूनो नेशनल पार्क में अब तक 10 चीतों की मौत

  • 27 मार्च को सबसे पहले किडनी में संक्रमण के चलते चार साल की मादा चीता साशा की मौत हुई, इसकी बीमारी के बाद बहुत प्रार्थनाएं की गई लेकिन कुछ काम नहीं आई।
  • 23 अप्रैल को नर चीता उदय की  मौत हो गई, मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया। उदय को उसके बाड़े में लड़खड़ाकर  चलते हुए अचानक बहोश होते देखा गया था।
  • 9 मई को बाड़े में दो नर चीतों अग्नि और वायु के साथ संघर्ष में मादा चीता दक्षा की मौत हो गई।
  • 23 मई को कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता सियाया (ज्वाला) के चार शावकों में से एक चीता शावक की मौत हुई।
  • 25 मई को चीता ज्वाला के दो अन्य शावकों की मौत हो गई ।
  • 11 जुलाई को नर चीता तेजस की मौत हो गई। इसकी मौत का कारण ट्रॉमेटिक शॉक बताया गया।
  • 14 जुलाई को नर चीता सूरज की मौत हो गई, निगरानी दल को ये घायल अवस्था में मिला था।
  • 2 अगस्त को मादा चीता धात्री (टिबलिसी) की मौत हुई।
  • 16 जनवरी 2024 को आज नर चीता शौर्य की हुई मौत।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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