शिवपुरी, शिवम पाण्डेय। जिला अस्पताल में हड्डी फ्रैक्चर होने पर मरीजों का इलाज कराना मुश्किल हो गया है। कारण, ऑर्थो वार्ड में भर्ती मरीजों की फाइल में एक्स-रे लगाना बंद कर दिया गया है। फ्रैक्चर होने पर मरीजों की एक्स-रे रिपोर्ट मौके पर उपलब्ध नहीं होने से डॉक्टरों को भी परेशानी आ रही है। जिला अस्पताल प्रबंधन ने एक महीने पहले 80 फीसदी मरीजों को एक्स-रे रिपोर्ट फिल्म देना बंद कर दिया है। मेडिकल कॉलेज खुलने के बाद मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। जिसके कारण एक्स-रे संख्या भी बढ़ी है। प्रति एक्स-रे 200 से 250 रुपए खर्च फिल्म पर आता है। इस खर्चे को कम करने के लिए 80% मामलों में रिपोर्ट नही देने का फैसला किया गया है।
यहां एक्स-रे की फिल्म नहीं बल्कि सिर्फ मोबाइल पर फोटो खींचकर दी जा रही है। कई मामलों में ग्रामीणों के सामान्य मोबाइल पर फोटो धुंधला होता है। ऐसे में डॉक्टर को फोटो से कुछ समझ में ही नहीं आता। इससे इलाज प्रभावित होता है। जिला अस्पताल में कई मरीज ऐसे पड़े हैं, जिन्हें यह नहीं बताया जा रहा कि उनके एक्स-रे में क्या मिला और वे कब तक ठीक होंगे।
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जिला अस्पताल में पहले 30 से 40 एक्स-रे होते थे, जो फिल्मों पर दे दिए जाते थे। अब ऐसे मरीजों की संख्या लगभग 100 के करीब पहुंचने लगी तो अस्पताल प्रबंधन ने फिल्म पर एक्स-रे देना बंद कर दिया। दुर्घटना और लड़ाई-झगड़ों के मामलों को छोड़कर सामान्य प्रकरणों में फिल्म लगाकर एक्स-रे रिपोर्ट देना बंद कर दी गई है।