सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार से परेशान युवक चढ़ा टंकी पर CM को बुलाने की मांग 

शिवपुरी, शिवम पांडे। शिवपुरी (Shivpuri) के पिछोर अनुभाग के भौंती कस्बे में रहने वाले 50 वर्षीय राजेंद्र दुबे उर्फ पप्पू महाराज शनिवार को पानी की टंकी के ऊपर चढ़ गए हैं। उनका आरोप था कि शासकीय कार्यालय में भ्रष्टाचार (Corruption) और किसी भी काम के लिए बिना रिश्वत (Bribe) के काम नहीं होता। उन्होंने कहा कि मैं शिकायत कर थक चुका  हूँ अब किसी की बात नहीं सुनूंगा और जब तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) नहीं आ जाते टंकी से नीचे नहीं उतरूंगा। बताया जाता है कि राजेंद्र दुबे 9 दिसंबर 2019 को भी पानी की टंकी पर चढ़ गए थे तब काफी समझाइश और मशक्कत के बाद उन्हें नीचे उतरवाया गया था।

पिछोर अनुभाग के भौंती क़स्बे  में रहने वाले राजेंद्र दुबे उर्फ पप्पू महाराज खेती तथा पंडिताई का काम करते हैं इसके साथ ही गरीब लोगों के हक के लिए स्थानीय लेवल पर राजनीति भी करते हैं। उनकी तकलीफ ये है कि जिले के सरकारी कार्यालयों में बिना रिश्वत के गरीबों का काम नहीं होते, इतना ही नहीं जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा गरीब और अमीर के बीच दोहरा व्यवहार किया जाता है।  इस सबसे  व्यतिथ होकर पप्पू महाराज शनिवार को सुबह 6 बजे पानी की टंकी के ऊपर चढ़ गए और माइक सेट पर अपनी बात कहने लगे। सुबह 7 बजे जब स्थानीय लोगों ने उन्हें टंकी पर चढ़ा देखा तो पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलने पर थाना प्रभारी पूनम सविता पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंची। पप्पू महाराज को टंकी पर चढ़ा देखकर लोगों की भीड़ एकित्रत हो गई। थाना प्रभारी की समझाइश के बाद भी जब वह टंकी ने नीचे नहीं आए तो तहसीलदार ज्योति लक्षकार मौके पर पहुंची और समझाने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने किसी की भी बात नहीं सुनी।  राजेंद्र दुबे ने आरोप लगाए  कि कोई भी सरकारी कार्यालय नहीं है जहां रिश्वत नहीं ली जाती है। रिश्वत के अभाव में गरीब आदमी अपना काम कराने के लिए महीनों कार्यालय के चक्कर काटता है उसके बाद भी उसकी सुनवाई नहीं होती है। अगर कोई व्यक्ति रिश्वत दे देता है तो उसका काम तत्काल हो जाता है। उनका कहना है कि अधिकारियों की मनमानी के चलते चारों ओर भ्रष्टाचार व्याप्त है। जिसके कारण गरीब आदमी की सुनवाई नहीं हो रही है। रिश्वत नहीं देने के कारण गरीब आदमी को शासन की किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....