कोरोना से 12 घंटे में चार और मरीजों की मौत, अब शादी और मृत्युभोज पर पूरी तरह पाबंदी

मध्य प्रदेश

शिवपुरी, शिवम पाण्डेय। कोरोना (Corona) महामारी अब और भी अधिक घातक सिद्ध होती जा रही है। जिला अस्पताल शिवपुरी (Shivpuri) में 12 घंटे में तीन और मरीजों ने दम तोड़ दिया। जबकि पिछोर में चौथे करोना मरीज की जान चली गई। ऐसे हालातों में अब कलेक्टर ने मंगलवार को नया आदेश जारी कर शादियां, मांगलिक कार्यक्रम, मृत्युभोज, उठावनी आदि पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। राजनीतिक, खेलकूद, मनोरंजन, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, सार्वजनिक व धार्मिक कार्यक्रमों में लोगों को एकत्रित होना पूरी तरह से वर्जित कर दिया है।

कोरोना (Corona) महामारी से नौ दिन से लगातार मौतें हो रहीं हैं और इन नौ दिन के अंदर 20 मरीज अपनी जान से हाथ धो बैठे हैं। जबकि अप्रैल महीने में कुल 21 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। अब तक कुल 64 मरीजों की जान जा चुकी है और यह मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे हालातों में प्रशासन को धीरे-धीरे सब कुछ बंद करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ शहर में कई लोग बाजार आ जा रहे हैं। यदि ऐसा ही चलता रहा तो हालात कहीं अधिक गंभीर हो सकते हैं।

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वरिष्ठ पत्रकार सहित तीन कोरोना मरीजों की सांसें थमीं: जिला अस्पताल के कोविड आईसीयू में भर्ती कमला गुप्ता (67) पत्नी एसएल गुप्ता निवासी विजयपुर कॉलोनी शिवपुरी की मंगलवार की तड़के 3:45 बजे मौत हो गई। सुबह कोविड नियमों के तहत अंत्येष्टि कराई गई। दूसरी मौत मनोज चौहान (67) पुत्र रणवीर सिंह निवासी महावीर नगर शिवपुरी की दोपहर 1:10 बजे मौत हो गई। अंत्येष्टि करके लौटे तो दोपहर 3:45 वरिष्ठ पत्रकार गोविंद गर्ग (70) पुत्र भगवादास गर्ग निवासी कोर्ट रोड शिवपुरी ने कोविड आईसीयू में अंतिम सांस ले ली। एक साथ तीन मौतों से पूरा शहर गमगीन है।

इलाज कराकर लौटे युवक की मौत, परिजनों ने जिद कर कोविड नियमों से अंत्येष्टि कराई

अशोक (47) पुत्र रामनिवास पाठक निवासी पाठक मोहल्ला पिछोर की मंगलवार की दोपहर 3 बजे मौत हो गई। बड़े भाई सुनील पाठक ने बताया कि 1 अप्रैल को अशोक को वैक्सीन लगी थी। फिर तबियत खराब हो गई। 8 अप्रैल को कोविड टेस्ट में रिपोर्ट पॉजीटिव निकली। ग्वालियर में इलाज चला और 16 अप्रैल को पिछोर वापस लौट  आए। पिछोर अस्पताल से सात दिन की दवा ले आए। मंगलवार की सुबह फिर से तबियत बिगड़ी तो पिछोर अस्पताल में भर्ती कराया।

डॉक्टरों ने अशोक को ऑक्सीजन की कमी के चलते ग्वालियर रेफर कर दिया। पिछोर से निकलते ही बाचरौन चौराहे पर अशाेक पाठक की मौत हो गई। सुनील पाठक का कहना है कि भाई अशोक की मौत कोरोना से हुई है। प्रशासन आगे नहीं आया, लेकिन परिजन जिद पर अड़े रहे। बाद में शाम 5 बजे नगर परिषद का ट्रैक्टर मंगाकर कोविड नियम के तहत मुक्तिधाम पर अंत्येष्टि कराई। स्वास्थ्य विभाग मृतक को निगेटिव बताता रहा, जबकि रिपोर्ट के नाम पर कुछ भी उपलब्ध नहीं करा सके।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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