Tue, Dec 30, 2025

Shivpuri: खनियाधाना में प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा, ये की मांग

Written by:Harpreet Kaur
Published:
Shivpuri: खनियाधाना में प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा, ये की मांग

शिवपुरी, शिवम पाण्डेय। शिवपुरी (Shivpuri) जिले के खनियाधाना (Khaniadhana) में अशासकीय विद्यालय एसोसिएशन ने पिछोर एसडीएम (SDM) को अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में मांग की गई है कि नगर में अवैध रूप से चल रहे कोचिंग संस्थानों (coaching institutes) को बंद किया जाये। क्योंकि उन कोचिंग संस्थानों में कोरोना नियमों (corona rules) का उल्लंघन हो रहा है। और अगर उन कोचिंग संस्थानों को बंद नहीं किया जाता तो प्राइवेट स्कूलों को खोलने की भी अनुमति दी जाये।

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उक्त ज्ञापन में बताया गया है कि नगर में अवैध रूप से चल रहे कोचिंग संस्थान में कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं हो रहा है। और बिना किसी नियम के भीड़ इकट्ठे की जा रही है। जबकि अशासकीय स्कूलों में शासन के JU मापदंड के अनुरूप सारी सुविधाएं और व्यवस्थाएं होती हैं। शासन को अशासकीय स्कूल खोलने की अनुमति दी जाए अन्यथा जो कोचिंग संस्थान बच्चों की जान को खतरे में डालकर और गुमराह करके ठगी कर रहे है वह बंद होना चाहिए। शहर में जगह-जगह एक-एक कमरे में कोचिंग के नाम पर एक पाली में 40 से 50 बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने के नाम पर बैठाला जा रहा है। जिसमें ना बच्चे मास्क लगाकर आते हैं, ना ही सोशल डिस्टेंस का पालन होता है। वहीं कुछ कोचिंग संचालक खनियाधाना में बिना मान्यता के किसी भी स्कूल से फार्म भरवाने के नाम पर बालकों को गुमराह करके ठगी कर रहे। यह सब प्रशासन की नाक के नीचे हो रहा है और प्रशासन मौन हैं।

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नगर में चल रहे अवैध कोचिंग संस्थान यदि बंद नहीं किए गए तो 12 जुलाई से अशासकीय विद्यालय प्रारंभ किए जाएंगे। जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। वहीं कुछ विद्यालय और कोचिंग वाले बच्चों को गुमराह करके बिना टीसी के ही बच्चों को पढ़ाने के नाम पर गुमराह कर रहे हैं। जबकि शासन के नियमानुसार टीसी अनिवार्य है और अशासकीय विद्यालय का शेष शिक्षण शुल्क तत्काल पलकों को जमा कराना चाहिए। जिसमें प्रशासन सहयोग करें। शासन ने आरटीई के तहत जिन छात्रों को अशासकीय विद्यालयों में प्रवेश कराया था उनका कई स्कूलों का 3 वर्षों का आरटी शुल्क शेष है जो तत्काल शासन को फीस प्रतिपूर्ति करना चाहिए ताकि अशासकीय स्कूल आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं उनको कुछ सवल मिल सके। अशासकीय स्कूलों में विद्युत बिल माफ किए जाएं।