शिवपुरी, शिवम पाण्डेय। खनियाधाना गुडर में पत्थर का ओवरलोड परिवहन कर रहे ट्रैक्टर ने एक आदिवासी युवक को कुचल दिया है, जिससे उसकी मौत हो गई। घटना के बाद चालक पत्थर से भरी ट्राली खाली कर फरार हो गया। इसके बाद से गुडर गांव में आक्रोश है और ग्रामीणों ने चक्काजाम कर दिया। ग्रामीणों मांग कर रहे हैं कि अवैध उत्खनन पर रोक लगाई जाए और जिस ट्रैक्टर से हादसा हुआ उसके चालक को पकड़ा जाए। पुलिस मौके पर पहुंच गई है।
हादसे का शिकार युवक अपनी ससुराल आया हुआ था तभी तेज गति से आते हुए एक ओवरलोड ट्रैक्टर ने उसे कुचल दिया। इस घटना के बाद से आदिवासी समाज के लोग नाराज हैं और उन्होने चक्का जाम कर दिया। बता दें कि खनियाधाना क्षेत्र में रेत माफियाओं और खदान माफिया दिन रात जमीन और पत्थरों को खोदकर अवैध उत्खनन कर रहे हैं। सैकड़ों ट्रैक्टर बामोर लकला क्षेत्र में जाते हैं। पिछोर क्षेत्र में गताझलकोई खदान, सुलारकलां, जैरा घाटी, गुडर, गोलकोट तालाब से बड़े पैमाने पर खनन माफिया का राज है। कलेक्टर द्वारा इन दोनों खदानों पर रोक भी लगी हुई है लेकिन फिर भी ये खेल जारी है।
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वहीं आदिवासी समाज के लोगों का कहना है कि ट्रैक्टर को मौके पर पकड़ा जाए खदानों से हो रही अवैध उत्खनन पर रोक लगाई जाए काफी लंबे समय से यही उत्खनन जारी है। पीड़ित समाज के लोगों ने बताया कि गताझलकोई, सुलारकलां, अमरखो, कलीपाहडी ऐरावनी, क्षेत्र में जिम्मेदार विभागो की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर पत्थर का खनन हो रहा है। दिन रात बड़ी तेज गति से 15-20 पत्थर से भरे हुए ट्रेक्टर निकलते हैं। हम और हमारा परिवार के लोग काफी समय से परेशान है। जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी कमीशन के लालच में इन माफियाओं पर कार्रवाई नहीं करते।
खनियाधाना क्षेत्र में प्रशासन की मिलीभगत से रेत माफियाओं ओर खदान माफिया द्वारा बड़े पैमाने पर पत्थर का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। सैकड़ों ट्रैक्टर प्रशासन की सांठगांठ से बामोर कला क्षेत्र में जाते हैं। पिछोर क्षेत्र में पुलिस और प्रशासनिक विभागो की मिलीभगत से गताझलकोई खदान,सुलारकलां,अमरखो,कालीपहाड़ी, ऐरावनी से बड़े पैमाने पर जमकर अवैध खनन हो रहा है। आदिवासी समाज के लोगों का कहना है कि खनियाधाना के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में इन खदानों से खदान माफिया खनिज विभाग की मिलीभगत से फर्जी रॉयल्टी के द्वारा बेखौफ होकर खनन कर रहे हैं। कलेक्टर द्वारा इन दोनों खदानों पर रोक भी लगी हुई है लेकिन फिर भी स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत से यह संपूर्ण उत्खनन किया जा रहा है।