भोपाल/सीधी। मध्य प्रदेश में किसान हितैषी सरकार होने का दावा करने वाली कांग्रेस के राज में प्रदेश के एक ज़िले के करीब 13 हज़ार किसान परेशान हैं। उनकी फसला का करीब 58 करोड़ रूपए अब तक नही दिया गया है। सरकार द्वारा किसानों से 36 गेहूं केंद्रों से खरीदी की गई। इसको 20 दिन बीत चुके हैं। लेकिन विपणन संघ के अधिकारी और ठेकेदार की लापरवाही के कारण किसानों का भुगतान अटका है।
दरअसल, गेहूं के परिवाहन में ठेकेदार द्वारा बड़ी लापरवाही की गई। जिस वजह से कागजी कार्रवाई में देरी हो रही है। बता दें कि राज्य सरकार इस बात का दावा करती रही है कि किसानों की उपज खरीदी के बाद सात दिन के अंदर उनको भुगतान किया जाएगा। लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है। जिससे किसानों के सामन बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। उनके पास नई फसल के साथ साथ घर चलाने की भी बड़ी चुनौती है। ऐसे में हो रही देरी से किसानों में आक्रोश पनप रहा है। प्रशासनिक लापरवाही की वजह से सीधी जिले में 13 हज़ार से अधिक किसान इस समस्या का सामना कर रहे हैं।
20 बाद भी खाली हाथ
गेहूं बिक जाने के 20 दिन से अधिक दिन बीत चुके हैं लेकिन किसानों को अब तक पैसा नहीं मिला है। विभागीय अधिकारी का कहना है की उपज का भुगतान का संबंध परिवहन से होता है। जैसे-जैसे होता जाता है वैसे ही विपणन संघ की ओर से स्वीकृत पत्रक जारी होता है, उसी अनुसार भुगतान होता है। उम्मीद है कि अगले दो- तीन दिन के भीतर भुगतान हो जाएगा।