सिंगरौली, राघवेन्द्र सिंह गहरवार। सिंगरौली (Singrauli) जिले में महिला थाने का शुभारंभ हुआ। स्थापना समारोह के अवसर पर उपस्थित अतिथियों एवं समुदाय को सम्बोधित करते हुये सांसद रीती पाठक ने कहा कि समस्याओं एवं अपराधों के निराकरण में जितनी जिम्मेदारी पुलिस विभाग की होती है उससे कहीं ज्यादा प्रबुद्ध नागरिकों की एवं आम जनता की होती है। वहीं नारी जाति का सम्मान भारतीय संस्कृति का मूल तत्व है और हमें अपने परिवार में नारी जाति का सम्मान करते हुये एवं आने वाली पीढ़ी को ऐसे संस्कार देने की जिम्मेदारी है कि वे बड़े होकर नारी जाति का सम्मान करें जिससे नारी जनित कुरीतियों पर विराम लग सके ।
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रीती पाठक ने आगे कहा कि महिला थाना एक मंदिर के समान है। जिसकी स्थापना के बाद हमारी बेटियों, बहुओं, पत्नियों, बहनों को अपनी बात कहने का खुला अवसर प्राप्त होगा। वहीं महिला थाने की कुर्सी पर बैठकर एक महिला अधिकारी को महिलाओं की समस्याओं के समाधान का सुअवसर प्राप्त होगा और उन्होने उक्त अवसर पर जनप्रतिनिधियों, पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस कर्मचारियों को बधाई दी और मीडिया से अपेक्षा की कि महिलाओं से संबंधित समस्याओं के निराकरण में अपनी भूमिका को पूर्ववत निर्वहन करते रहें।
महिला थाने के उद्घाटन अवसर पर अपने सम्बोधन में सिंगरौली विधायक रामलल्लू वैश्य ने कहा कि महिला थाना की स्थापना एक बहुप्रतिक्षित प्रक्रिया का साकार रूप है। और अब महिलाये नि:संकोच अपनी समस्याओं को महिला पुलिसकर्मियों के समक्ष रख सकेंगी। जिससे इस आदिवासी बाहूल्य जिले में महिला जनित अपराधों पर नियंत्रण करने में आशातीत सफलता प्राप्त होगी।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये कलेक्टर राजीव रंजन मीणा ने कहा कि प्रदेश में 42 महिला थानों की स्थापना आज ही के दिन हो रही है इसमें सिंगरौली भी शामिल है। और जिले में चालिस से पैंतालिस प्रतिशत अशिक्षित आदिवासी निवास करती है। जिनके सामने विपन्नता और कुरीतियों के चलते बहुत सी समस्याएं होती हैं और इन्हें दूर करने में महिला थाना सकारात्मक भूमिका निभायेगा और ऐसा उन्हें विश्वास है।
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समारोह को सम्बोधित करते हुये पुलिस अधीक्षक वीरेन्द्र सिंह ने कहा कि एक वर्ष के उनके कार्यकाल के दौरान महिलाओं से संबंधित प्रकरणों में 80 प्रतिशत प्रकरणों को सुलझाने में सफलता हासिल हुई है। उन्होने कहा कि अशिक्षा व बेरोजगारी और भुखमरी के कारण गांव की भोली – भाली अबोध बालिकाये किसी के बहकावे में आकर घर से भाग जाती हैं। यह जिले की प्रमुख समस्या है और इसके अतिरिक्त सामाजिक कुप्रथाओं, कुरीतियों के चलते आदिवासी तथा अन्य समाज में भी महिला जनित अपराध घटित होते हैं और वही महिला थाना होने के कारण अब निराकरण में और सहूलियत मिल जायेगा और वही इस अवसर पर महिला थाना परिसर में आये हुये अतिथियों द्वारा वृक्षारोपण किया गया ।
उक्त समारोह में उपस्थित अतिथिगणों का आभार प्रकट करते हुये डीएसपी प्रियंका पाण्डेय ने कहा कि महिला थाना पूरे मनोयोग से काम करेगा और जिले के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर महिलाओं से संबंधित किसी भी समस्या के निराकरण में कोई भी कसर नहीं छोड़ी जायेगी।