लोक आस्था का महापर्व छठ : व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को दिया अर्घ्य, मांगी खुशहाली

आज तीसरे दिन गुरुवार शाम को महिलाओं ने छठ घाट पहुंचकर डूबते हुए सूरज को पहला अर्घ्य दिया एवं कल सुबह उगते हुए सूरज को अर्ध्य देकर व्रती महिलायें अपना व्रत समाप्त करेंगी। इस पवित्र पर्व को देखने हेतु स्थानीय लोगों का काफी हुजूम छट घाटों पर उमड़ा दिखा।

Amit Sengar
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great festival of folk faith chhath

Singrauli News : लोक आस्था के महापर्व चार दिनी सूर्य षष्ठी अनुष्ठान का अहम पड़ाव गुरुवार को था। सुबह से ही बिना अन्न-जल के व्रत रखने वाली श्रद्धालु महिलाओं ने शाम को घाटों व तालाबों पर पहुंचकर अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया। कई पुरुष श्रद्धालुओं ने भी निर्जला व्रत रखा था। व्रती महिलाओं ने पहला अर्घ्य अपने पति या पुत्र से लिया। नदी-तालाब में दीया प्रवाहित कर भगवान सूर्यदेव व छठी मैया को प्रणाम निवेदित किया। शाम सात बजे तक छठ के पारम्परिक गीतों से घाट गुलजार रहे।

दोपहर बाद करीब साढ़े तीन बजे से ही श्रद्धालुओं के घाटों पर पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। तमाम श्रद्धालु नंगे पाव ही माथे पर दउरा लेकर चल रहे थे। घाट पर जाने के लिए छोटे बच्चों का उत्साह देखते ही बन रहा था। माथे पर दउरा लिए पुरूष सदस्य के साथ महिलाएं पारम्परिक गीत ‘उजे कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाय…’ गाते हुए घाट पर पहुंचीं। वहां पहले से तैयार वेदी पर विधि-विधान से पूजन किया और फिर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। दीपदान कर भगवान भास्कर से अपने व परिजनों के कुशलता की कामना की। दीयों व विद्युत झालर बत्तियों से नदी व तालबों सहित घाट जगमगा उठे।

डूबते सूर्य को दिया अर्घ्य

मोरवा में मढौली छठ घाट, रेलवे स्टेशन के समीप बने घाट, झिगुरदा घाट, बिरला कॉलोनी व एनसीएल कॉलोनी स्थित घाट पर भी स्थानीय लोगों ने छठ पर्व पर डूबते हुए सूर्य को अर्ध्य देकर अपने पुत्र की दीर्घायु और परिवार की सुख समृद्धि की कामना की। दोपहर बाद व्रती महिलाएं अपने परिवार संग घाटों पर प्रस्थान करने लगीं थीं, परिजन सिर पर सूप व हाथों में गन्ना लिए व्रती महिलाओं संग घाटों पर पहुंच रहे थे। घाट पर पहुँचकर उनके द्वारा बनाए गए वेदी पर सूप रख कर छठ माता का घ्यान लगाया गया। सूर्य अस्त होने से पूर्व व्रती महिलाओं ने तालाब में स्नान कर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया और फिर अपने वेदी स्थल पहुँच कर अपने अपने सूप पर घी के दीपक जलाकर छठ मईया का ध्यान लगा अपनी मन्नतें मांगी। गौरतलब है कि कल खरना का प्रसाद चढ़ा और उसे खाकर व्रती महिलाओं ने 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू किया था। इसी क्रम में आज तीसरे दिन गुरुवार शाम को महिलाओं ने छठ घाट पहुंचकर डूबते हुए सूरज को पहला अर्घ्य दिया एवं कल सुबह उगते हुए सूरज को अर्ध्य देकर व्रती महिलायें अपना व्रत समाप्त करेंगी। इस पवित्र पर्व को देखने हेतु स्थानीय लोगों का काफी हुजूम छट घाटों पर उमड़ा दिखा। मोरवा पुलिस बल, नगर निगम अमला घाटों पर लोगों को समझाइश देने में जुटी रही।

चाक-चौबंद दिखी सुरक्षा व्यवस्था

क्षेत्र के सभी छठ घाटों पर एसडीओपी के.के पाण्डेय एवं मोरवा निगर निरीक्षक कपूर त्रिपाठी के नेतृत्व में मोरवा पुलिस बल यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने में जुटी रही। वहीं पुलिस के आला अधिकारी सभी घाटों पर जाकर जायजा लेते रहे। वही जयंत, विन्ध्यनगर, बैढ़न, खुटार व माड़ा में भी सुरक्षा की दृष्टि से भारी संख्या में छठ घाट पर पुलिस बल मौजूद रहे।
सिंगरौली से राघवेन्द्र सिंह गहरवार की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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