Cyber ​​crime: साइबर अटैक के चलते ‘विक्रमादित्य वैदिक घड़ी’ की रफ़्तार हुई धीमी, राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल पर दर्ज की गई शिकायत

Cyber ​​crime: भारतीय पंचांग समय गणना प्रणाली पर आधारित उज्जैन में 'विक्रमादित्य वैदिक घड़ी' साइबर हमले का शिकार होने के बाद इसकी रफ्तार धीमी पड़ गई। दरअसल 8 मार्च को 'विक्रमादित्य वैदिक घड़ी' नाम से एक फ्री मोबाइल ऐप के रूप में लॉन्च किया जाना था।

Rishabh Namdev
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Cyber ​​crime: मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित भारतीय पंचांग समय गणना प्रणाली ‘विक्रमादित्य वैदिक घड़ी’ पर हुए साइबर हमले से घड़ी की रफ्तार में कमी हो गई है। दरअसल इसकी सूचना खुद विक्रमादित्य शोधपीठ, संस्कृति विभाग, मध्यप्रदेश शासन द्वारा दी गई है। आपको बता दें की इस घडी का लोकार्पण प्रधानमंत्री मोदी ने 2 फरवरी को वर्चुअली रूप से किया था।

राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल पर दर्ज की गई शिकायत:

वहीं इस साइबर हमले को लेकर जानकारी साझा करते हुए शोध पीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने कहा की, ‘गुरुवार रात को घड़ी के ऐप को साइबर हमले का सामना करना पड़ा। जिसके चलते इस घडी की रफ़्तार धीमी हो गई। हालांकि इस बात की शिकायत राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल पर दर्ज की गई है। दरअसल आपको बता दें की इस घड़ी का एप्लिकेशन हिंदी, अंग्रेजी, और अन्य भारतीय और विदेशी भाषाओं में तैयार किया गया था, जिससे लोग इसे आसानी से इस्तेमाल कर सकते है।

मोबाइल और टीवी पर भी सेट किया जा सकता है:

दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 फरवरी को ‘विक्रमादित्य वैदिक घड़ी’ का लोकार्पण किया था, जिसमें इस घड़ी को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट किया गया था। जानकारी के अनुसार इसमें दुनिया भर के टाइम रिफ्लेक्ट होते हैं और इसे मोबाइल और टीवी पर भी सेट किया जा सकता है।

इस घड़ी का निर्माण लखनऊ की संस्थान ‘आरोहण’ के आरोह श्रीवास्तव ने किया था। विक्रमादित्य शोधपीठ संस्कृति विभाग के अनुसार यह पहली ऐसी घड़ी है जो भारतीय पंचांग और मुहूर्त की विश्वसनीय प्रणाली का पुनर्निर्माण करने के लिए उज्जैन में स्थापित की गई है।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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