तानसेन समारोह 2021 : सीएम शिवराज ने तानसेन एवं कालिदास अलंकरण की सम्मान राशि की 5-5 लाख रुपये

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश का प्रतिष्ठित संगीत समागम “तानसेन समारोह” (Tansen Samaroh)  का संगीत नगरी  ग्वालियर में मुख्यमंत्री चौहान के मुख्य आतिथ्य में भव्य एवं रंगारंग शुभारंभ हुआ। हजीरा स्थित संगीत सम्राट तानसेन की समाधि के समीप सिद्धेश्वर मंदिर ओंकारेश्वर की थीम पर बने भव्य एवं आकर्षक मंच पर रविवार की शाम आयोजित हुए तानसेन समारोह के शुभारंभ कार्यक्रम में देश के सुप्रतिष्ठित सितार वादक पं. कार्तिक कुमार मुम्बई और सुविख्यात घट्म वादक पद्मभूषण पं. विक्कू विनायकरम चैन्नई को क्रमश: वर्ष 2013 व 2014 के “राष्ट्रीय कालिदास सम्मान” से अलंकृत किया गया।

तानसेन समारोह 2021 : सीएम शिवराज ने तानसेन एवं कालिदास अलंकरण की सम्मान राशि की 5-5 लाख रुपये

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में वर्तमान काल को केवल विकास के लिये ही नहीं कला एवं संगीत के स्वर्णिमकाल के रूप में भी स्थापित करेंगे। इसके लिये प्रदेश सरकार के पास धन की कोई कमी नहीं है। उन्होंने राष्ट्रीय तानसेन अलंकरण और कालिदास सम्मान की राशि बढ़ाकर 5 – 5 लाख रुपये  करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 में शताब्दी तानसेन समारोह को पूरी गरिमा व धूमधाम के साथ मनाया जायेगा।

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समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) व केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) एवं मध्य प्रदेश की संस्कृति व पर्यटन मंत्री सुश्री ऊषा ठाकुर (Usha Thakur) सहित अन्य अतिथियों ने दोनों मूर्धन्य संगीत साधकों को राष्ट्रीय कालिदास सम्मान के रूप में 2 लाख रुपये की आयकर मुक्त सम्मान राशि, प्रशस्ति पट्टिका व शॉल-श्रीफल भेंट किए।

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 97वें भव्य तानसेन समारोह के शुभारंभ अवसर पर कहा कि भारत प्राचीनकाल से कला व संगीत का पोषक रहा है। ग्वालियर संगीत घराने ने इस परंपरा को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह परंपरा आगे भी जारी रहेगी। उन्होंने इस अवसर पर संगीत सम्राट तानसेन की संगीत मर्मज्ञता का उल्लेख किया। साथ ही कहा कि तानसेन अलंकरण एवं कालिदास अलंकरण की सम्मान राशि अब 5 लाख रुपये होगी। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने मुख्यमंत्री से अलंकरण की सम्मान राशि बढ़ाने का आग्रह किया था।

तानसेन समारोह 2021 : सीएम शिवराज ने तानसेन एवं कालिदास अलंकरण की सम्मान राशि की 5-5 लाख रुपये

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर यह भी कहा कि महान संगीत मनीषी तानसेन की याद में आयोजित होने वाले तानसेन समारोह का शताब्दीवाँ समारोह वर्ष 2024 में विशेष धूमधाम और भव्यता के साथ मनाया जायेगा। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुख्यमंत्री से इस आशय का आग्रह किया था। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में मौजूद संस्कृति मंत्री श्री ऊषा ठाकुर को अभी से इसकी तैयारियाँ करने के लिये कहा।

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तानसेन समारोह की तर्ज पर बैजू बावरा समारोह का आयोजन भी होगा

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस अवसर पर घोषणा की कि प्रतिष्ठित तानसेन समारोह की तर्ज पर संगीत सम्राट तानसेन के समकालीन महान संगीत मनीषी बैजू बाबरा की स्मृति में “बैजू बावरा समारोह” का आयोजन भी शुरू किया जाएगा। उन्होंने संस्कृति मंत्री सुश्री ऊषा ठाकुर और प्रमुख सचिव संस्कृति शिव शेखर शुक्ला से इस समारोह की तिथि व स्थान सहित इसकी पूरी रूपरेखा तैयार करने के लिये कहा।

तानसेन समारोह 2021 : सीएम शिवराज ने तानसेन एवं कालिदास अलंकरण की सम्मान राशि की 5-5 लाख रुपये

तानसेन की जन्मस्थली बेहट और ग्वालियर के कला संकुल केन्द्र के अधूरे काम पूरे करायेंगे

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने केन्द्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर द्वारा ध्यान आकर्षित किए जाने पर यह भी घोषणा की कि ग्वालियर में शिवाजी उद्यान के समीप स्थित संगीत एवं कला संकुल केन्द्र का निर्माण पूरा कराया जायेगा। प्रदेश सरकार इसके लिए धन मुहैया करायेगी। केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर द्वारा ध्यान आकर्षित करने पर संगीत सम्राट तानसेन की जन्मस्थली बेहट के शेष कामों को भी पूरा कराने की घोषणा की।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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