समाजसेवी की प्रतिमा की दुर्दशा पर बवाल, नेताओं और सांसद पर उठाए सवाल 

Atul Saxena
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इंदौर, स्पेशल डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर (Indore)में सिंधी समाज के नेता स्वर्गीय सेवकराम पारानी की प्रतिमा की दुर्दशा पर बवाल मच गया है। सिंधी समाज के लोगों ने समाज के नेताओं और सांसद को लेकर आक्रोश जताया है और सवाल उठाये हैं।

संत कंवरराम व्यापारी संघ के अध्यक्ष गोपाल कोडवानी और सचिव संजय बागेजा ने सिंधी समाज के पार्षद और सांसद पर सवाल उठाते हुए कहा कि 70 के दशक में इंदौर शहर में सिन्धी समाज के दबंग और ईमानदार  नेता रहे स्वर्गीय सेवाराम पारानी (सेवकराम) इंदौर शहर में आरएसएस (RSS) के स्वयंसेवक और जनसंघ के बहुत बड़े नेता हुआ करते थे और 1981 के बाद सिन्धी कालोनी वार्ड से कितने पार्षद बने और कितने जनकार्य अध्यक्ष बने बावजूद इसके किसी ने भी महान व्यक्तित्व पारानी की प्रतिमा की आज तक सुध नही ली। नेताओं ने सिर्फ और सिर्फ खुद की सिन्धी समाज से पार्षद, विधायक और सांसद बनने के लिये सिर्फ सिंधी समाज के वोट बैंक से मतलब रखा जबकि समाज के एक सच्चे नेता की प्रतिमा को जनप्रतिनिधि सम्मान नहीं दे पाए।

दरअसल, आक्रोश के ये स्वर सिंधी समाज के लोगों द्वारा इसलिए उठाये जा रहे है क्योंकि क्षेत्र से समाज के कई पार्षद भी निकले है और अब तो इंदौर के सांसद शंकर लालवानी (MP Shankar Lalwani) है। लेकिन इसके बाद भी करीब 2 माह से सेवाराम पारानी की प्रतिमा लावारिस हालत में पड़ी है। बता दें  कि सेवाराम पारानी ऐसे नेता जिनसे मिलने लालकृष्ण आडवाणी से लेकर जनसंघ और संघ के बड़े स्वयंसेवक मिलने आया करते थे। 1981 में पारानी का निधन हो गया था और उनके निधन के कुछ साल बाद सिन्धी कालोनी की सब्जी मंडी का निर्माण हुआ तब समाज ने नगर निगम (Municipal Corporation) से मांग कर सब्जी मंडी का नाम सेवाराम पारानी सब्जी मंडी रखने की मांग की थी और इस पर नगर निगम ने स्वीकृति दे दी थी। 1999 में नगर निगम चुनाव के बाद सेवाराम पारानी के परिजनों ने नगर निगम (Municipal Corporation) से मांग की कि सेवाराम पारानी की प्रतिमा स्थापित की जाए तब नगर निगम ने उनके परिजनों से कहा कि आप प्रतिमा बनवा ले हम लगवा देंगे। 2003 में उनके परिजनों ने मूर्ति बनवाकर नगर निगम को सौंप दी और नगर निगम ने मंडी के मुख्य द्वार पर प्रतिमा स्थापित की पर कुछ समय बाद ही प्रतिमा का प्लेटफार्म टूट गया और मौके से प्रतिमा भी गायब हो गई।

वही हाल ही में करीब दो महीनों से लावारिस हालत में प्रतिमा सब्जी मंडी में बने शौचालय के मुख्य गेट के आगे एक ओटले पर पड़ी मिली। जहां वर्तमान में जुआरी जुआ खेलते हैं  और शराबी शराब पीते हैं। दो दिन पहले जब व्यापारी संघ के सदस्यों को रात 11 बजे मंडी में जुआ खेलने की सूचना मिली तो मौके पर पहुंचे सदस्यों ने देखा कि प्रतिमा के आगे कुछ लोग शराब पी रहे हैं जैसे ही व्यापारी संघ के अध्यक्ष गोपाल कोडवानी और संजय बांगेजा मंडी के अंदर घुसे तो सभी शराबी भाग खड़े हुये तब ये सच सामने आया कि प्रतिमा के आस पास शराब की खाली बोतल खाली पड़ी थी और नमकीन के पाउच पड़े थे। ऐसे में संत कंवरराम व्यापारी संघ ने तय किया है कि अब संत कंवरराम व्यापारी संघ स्वर्गीय सेवाराम पारानी जी की प्रतिमा मंडी के गेट पर लगवायेगा फिर भले ही जनप्रतिनिधि सहयोग करे या ना करे।

समाजसेवी की प्रतिमा की दुर्दशा पर बवाल, नेताओं और सांसद पर उठाए सवाल 

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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