उज्जैन, डेस्क रिपोर्ट। आज सूर्यग्रहण (Surya Grahan) है। ग्रहण से पहले ही सूतक की शुक्रवार से हो गई है। इस दौरान कोई भी पूजा पाठ, हवन, दर्शन नहीं किए जाते हैं। ना ही भगवान को देख सकते हैं। साथ ही ग्रहण के दौरान कई कामों को करने की मनाही होती है क्योंकि वो शुभ नहीं माना जाता है। इनका प्रभाव सभी चीज़ों पर जल्दी पड़ता है। लेकिन एक सबसे अच्छी खास बात ये है कि महाकालेश्वर मंदिर में इस सूर्यग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता है। ना ही बाबा महाकाल के मंदिर के पट बंद किए जाते हैं।
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दूसरे सभी मंदिरों के पट बंद कर दिए जाते हैं और ना ही भक्तों को प्रवेश दिया जाता है। लेकिन महाकाल मंदिर की महिमा कुछ अलग है। बताया जाता है कि महाकालेश्वर मंदिर में दक्षिण मुखी ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल के दर्शन किए जाते हैं। इस वजह से यहां ग्रहण का असर नहीं होता है। पुजारियों का कहना है की मंदिर में ग्रहण के दौरान हर परंपरा का निर्वहन किया जाता है। ठीक वैसे ही जैसे रोज किया जाता है। प्रातः काल में भस्म आरती के बाद बाबा महाकाल का श्रृंगार किया जाता है।
आज भी बाबा महाकाल को सूर्य रूप का श्रृंगार दिया गया है। कहा जाता है कि सूर्यग्रहण का कोई भी असर बाबा पर और मंदिर पर नहीं पड़ता है। ऐसा भी कहा जाता है कि बाबा खुद ही काल के नियंत्रक है इसलिए उन पर किसी का भी नियंत्रण नहीं हो सकता हैं। ऐसे में आज सूर्यग्रहण के दिन महाकाल मंदिर में सभी विधि विधान किए जा रहे हैं। आज पूजन भजन कीर्तन सब चालू है। लेकिन जब 4 से 6 के समय में जब ग्रहण होगा तब बाबा के शिवलिंग को कोई भी छू नहीं सकता हैं। जैसे ही ये ख़त्म होगा वैसे ही मंदिर को शुद्धि करण के लिए धोया जाएगा।