महिला विरोधी अपराध करने वालों की अब खैर नहीं! सीएम ने DGP को दिए सख्त निर्देश

Gaurav Sharma
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के चंबल (Chambal of Madhya Pradesh) इलाके डकैत जैसी समस्याओं के लिए जाना जाता है। जहां से एक नई चिंताजनक मामला सामने आ रहा है। जी हां हम बात कर रहे हैं महिला विरोधी अपराधों (Crime against women) की, जिसे लेकर पुलिस प्रशासन के आंकड़े कुछ और ही बयां कर रही हैं। भिंड जिले में महिला अपहरण (Female abduction) और गुमशुदगी (Female missing) की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है, जो चिंताजनक विषय है। जिसे देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार (Government of Madhya Pradesh) को भिंड पुलिस (Bhind Police) के लिए सख्त निर्देश जारी करना पड़ा है। बता दें कि मध्य प्रदेश के अन्य जिलों में भी महिला अपराध (Female crime) बढ़ता जा रहा है, इन सब में पांच ऐसे जिले हैं, जहां लड़कियों को पुलिस ने सुरक्षित उनके घर पहुंचाया है।

सीएम ने महिला अपराधों पर जताई चिंता

आज सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने भोपाल (Bhopal) में अपने कैबिनेट मंत्रियों (Cabinet ministers) के साथ एक मैराथन बैठक की। जिसके बाद सीएम शिवराज (CM Shivraj) ने पुलिस अफसरों के साथ भी मीटिंग (Meeting with police officers) की। मीटिंग के दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान का फोकस महिला विरोधी अपराधों (Crime against women) के लिए चलाई जा रही कार्रवाई पर रहा। भिंड से महिला अपहरण की वारदातों (Women kidnapping incidents from Bhind) को लेकर मुख्यमंत्री ने चिंता जाहिर की है, क्योंकि वहां महिला अपहरण की वारदातों (kidnapping incidents ) के आंकड़े जो सामने आए है, वह सच में चिंता में डालने वाले है।

सीएम ने जताई नाराजगी

कुछ सालों से मध्य प्रदेश में महिला विरोधी अपराध (Crime against women) के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। जिसमें नाबालिग लड़कियों के अपहरण और गुमशुदा होने के मामले सबसे अधिक है। जो पूरे प्रदेश में छाया हुआ है, लेकिन कुछ जिलों की पुलिस ने नाबालिग लड़कियों को सही सलाम बरामद भी कर लिया है। जिसमें केवल भिंड जिला पीछे रह गया है। बैठक में समीक्षा करने के दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने चिंता जताते हुए नाराजगी व्यक्त की। सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी (Director General of Police Vivek Johri) को निर्देश देते हुए कहा कि ‘पुलिस अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करें। और नाबालिग बच्चियों को ढूंढ़ कर उन्हें उनके परिवार तक पहुंचाने का कार्य करें।’

गुम लड़कियों और महिलाओं की बरामदगी

मध्य प्रदेश के कई जिलों में अपहरण व गुम हुई नाबालिग लड़कियों को बरामद कर लिया गया है। ऐसे कई जिले हैं जहां पर 80 से 84 फ़ीसदी लड़कियों की बरामदगी दर्ज की गई है। जिनमें ये जिले शामिल है-

  1. देवास
  2. अलीराजपुर
  3. झाबुआ
  4. श्योपुर
  5. अशोकनगर

आरोपियों पर हो रासुका (NSA) की कार्रवाई

पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी (Director General of Police Vivek Johri) को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने महिलाओं के विरुद्ध यौन अपराधों के बढ़ते मामले को लेकर जिलों में सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि आगर-मालवा, सिवनी, सतना, हरदा और बुरहानपुर में महिला अपराधों के विरूद्ध अच्छी पहल की गई है। इस दौरान प्रदेश में बढ़ रही महिला अपराधों पर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आरोपियों के खिलाफ रासुका (NSA) के तहत कार्रवाई करने के लिए कहा है।

भोपाल में महिलाओं की स्थिति अच्छी : ASP

इस दौरान भोपाल के एडिशनल एसपी दिनेश कौशल (ASP Dinesh Kaushal) ने कहा कि भोपाल में महिलाओं की स्थिति बेहतर है।

भोपाल में महिला विरोधी अपराधों में काफी कमी आई है।

लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए भोपाल में मैत्री वाहन चलाए जा रहे है।

वहीं महिलाओं की मदद के लिए सभी थानों पर महिला हेल्प डेस्क बनाया गया है, जहां से महिलाओं की मदद की जाती है।

सभी थानों को थाना प्रभारियों को निर्देशित किया गया है कि वो महिलाओं से संबंधित मामलों में तुरंत की एक्शन लेते हुए जांच कर कार्रवाई करें।

समय-समय पर महिला अपराधों की समीक्षा भी की जाती है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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